Friday, October 16, 2020

कोटा राजस्थान के शोएब आफताब आलम ने रचा इतिहास ,NEET में 100%नम्बर लाने वाले पहले स्टूडेंट ,




भारत के #मेडिकल एडमिशन के लिए आल इंडिया एग्जाम NEET के इस बार के टॉपर है कोटा राजस्थान के #शोएब_आफताब_आलम


#शोएब ने मेडिकल एंट्रेंस में वो #इतिहास रचा है जो आज तक कोई नहीं रच पाया। उन्होंने 720 में से 720 नम्बर हासिल किए। #NEET में 100% नम्बर लाने वाले #शोएब_आफताब मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम के भारतीय इतिहास के पहले स्टूडेंट हैं। हो सकता है आगे भी ऐसे ब्राइट स्टूडेंट आएं लेकिन #शोएब_आलम हीस्ट्री में हमेशा ज़िंदा रहेंगे।


 सोशल मीडिया पर "शोएब आफताब" का कोई ज़िक्र नहीं। ना तो उनके नाम का हैसटैग ट्विटर पर ट्रेन्ड किया ना ही उनको लेकर कोई पोस्ट वायरल हुई।


यह बेहद आश्चर्यजनक है।


हैरानी तो यह है कि सोशलमीडिया पर बात बात पर सीना फुलाते मुसलमान भी "शोएब आफताब" को लेकर सन्नाटे में थे।


क्युँ भाई ? आपको पता नहीं कि "शोएब आफताब" कौन है ? या शोएब आफताब राऊरकेला (उड़ीसा) का रहने वाला बेहद गरीब घर का बच्चा है जिसकी पढ़ाई लिखाई भी दूसरों के रहमों करम पर थी इसलिए वह किसी प्रशंसा का पात्र नहीं ?


अब आप पूछेंगे कि यह "शोएब आफताब" कौन है ?


शोएब आफताब ने वह कर दिया है जिसे भारत के इतिहास में आजतक कोई ना कर सका।


NEET (National Eligibility cum Entrance Test) 2020 की परिक्षा के 720 अंक में से OMR (Optical mark recognition) शीट के आधार पर 720 अंक प्राप्त करके इस साल NEET में शोएब आफताब ने टाॅप कर दिया है।


पहले समझिए कि OMR क्या है


दरअसल परिक्षार्थी द्वारा परीक्षा में भरे OMR शीट (आन्सर शीट) को NEET की अधिकारिक वेबसाइट पर अधिकारिक परिणाम घोषित होने के कुछ दिन पहले ही डाल दिया जाता है। उस शीट को विशेषज्ञों द्वारा इक्जामीन करने पर शोएब आफताब को फुल मार्क्स प्राप्त हुए हैं।


टाॅप करना ऐतिहासिक नही है , टाॅप तो हर वर्ष ही कोई ना कोई करता ही है , ऐतिहासिक है फुल मार्क्स 720 पाना जिसे आजतक NEET के इतिहास में कोई नहीं कर सका।


कौन है "शोएब आफताब" ?


राऊरकेला ( उड़ीसा) के रहने वाले शोएब आफताब एक बेहद गरीब घर के रहने वाले हैं जो पढ़ाई के लिए कोटा आकर "सर्वोदय सीनियर सेकेंडरी स्कूल" में ऐडमीशन लिये।


मुसलमानों द्वारा संचालित इस स्कूल ने शोएब आफताब की पढ़ाई लिखाई की सारी ज़िम्मेदारी उठाई और एमबीबीएस की परिक्षा में संपुर्ण अंक प्राप्त करके शोएब आफताब ने वह एहसान भी चुका दिया।


यद्धपि अधिकारिक घोषणा 16 अक्टूबर को होने जा रही है। इसके लिए शोएब आफताब को अग्रिम बधाई।


कहने का अर्थ केवल इतना है कि यदि आप पढ़ना चाहें तो आपको कोई रोक नहीं सकता। जो नहीं पढ़ पाता उनके पास सिर्फ बहाने होते हैं।


पढ़िए और अपने साथ साथ अपने समाज को शिक्षित करिए , यही फिलहाल वक्त की ज़रूरत है।

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