Sunday, September 28, 2025

❤️ मीटिंग इत्तीहाद: बिरादरी के एकजुट होने पर जोर ❤️

सहारनपुर। दिनांक 28 सितंबर 2025, शुक्रवार की शाम को नमाज़ इशा के बाद जनाब अब्दुल खालिक साहब की मेज़बानी में एक महत्वपूर्ण मीटिंग हुई, जो दरओ दौलत, सहारनपुर में आयोजित की गई। इस मीटिंग का मुख्य उद्देश्य बिरादरी के इत्तीहाद और विकास पर चर्चा करना था।

मीटिंग में बिरादरी के सदस्यों ने अपने अनुभव साझा किए और विचार-विमर्श किया कि किस तरह से सभी सदस्यों को मिलकर आपसी सहयोग और भाईचारे के साथ आगे बढ़ाया जा सकता है। इस अवसर पर जनाब अब्दुल खालिक साहब ने विशेष रूप से जोर दिया कि बिरादरी को मजबूत बनाने के लिए एकजुट होकर काम करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि केवल व्यक्तिगत हितों की बजाय सामूहिक प्रयास ही बिरादरी को सशक्त और तरक्की की राह पर ले जा सकते हैं।

साथ ही, दिल्ली से आए हाजी सगीर साहब ने भी मीटिंग में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और बिरादरी के मुत्ताहद और तरक्की के लिए काम करने का भरोसा दिलाया। उन्होंने बताया कि दिल्ली में रहकर भी वे हर संभव मदद और मार्गदर्शन प्रदान करेंगे, जिससे बिरादरी के युवा, पेशेवर और समाजिक पहलुओं में संतुलित विकास कर सकें।

इस मीटिंग में बिरादरी के इत्तीहाद को कायम रखने और सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षिक क्षेत्र में नई पहल करने के लिए ठोस कदम उठाने का संकल्प लिया गया। सदस्यों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि भविष्य में भी ऐसे मिलन और मार्गदर्शन के अवसर निरंतर आयोजित किए जाएंगे।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पंजीकृत और देश की राजधानी दिल्ली से प्रकाशित, पैदायशी इंजीनियर मुस्लिम मुल्तानी लोहार, बढ़ई बिरादरी को समर्पित देश की एकमात्र पत्रिका "मुल्तानी समाज" के प्रधान-संपादक ज़मीर आलम की देखरेख में यह रिपोर्ट तैयार की गई।

यह बैठक न केवल बिरादरी के इत्तीहाद की मिसाल बनी, बल्कि यह संदेश भी दिया कि साझा उद्देश्य और भाईचारा ही समाज की असली ताकत है।

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मुल्तानी समाज के बिज़नेसमैन भाइयों का अनूठा कदम – “MS Businessmen Club” जल्द करेगा बिज़नेस टूर का आयोजन

नई दिल्ली/उत्तर प्रदेश।
पैदायशी इंजीनियर मुस्लिम मुल्तानी लोहार–बढ़ई बिरादरी के बिज़नेस भाइयों को जोड़ते हुए स्थापित “MS Businessmen Club” लगातार तरक्की और एकता की नई मिसालें कायम कर रहा है। क्लब के संस्थापक ज़मीर आलम मुल्तानी ने जानकारी देते हुए बताया कि हाल ही में क्लब के कई साथियों से गहन मशविरा हुआ, जिसमें यह तय किया गया कि आने वाले दो महीनों में क्लब की एक बड़ी मीटिंग आयोजित की जाएगी। इस बैठक में सभी सदस्यों को आमंत्रित किया जाएगा और बिज़नेस से जुड़े अहम विषयों पर चर्चा की जाएगी।

मशविरे के दौरान एक और शानदार सुझाव सामने आया कि क्लब के इच्छुक सदस्यों के लिए एक से दो दिन का विशेष बिज़नेस टूर आयोजित किया जाए। इस टूर का उद्देश्य न सिर्फ़ कारोबारी तरक्की के नए रास्ते दिखाना होगा, बल्कि आपसी भाईचारे और नेटवर्क को भी मजबूत करना है।

बिज़नेस टूर के प्रमुख आकर्षण

कम्पनी बनाने और GST रजिस्ट्रेशन की पूरी जानकारी।

मार्केटिंग स्ट्रेटजी व प्राइसिंग पर ट्रेनिंग।

Amazon व Flipkart पर प्रोडक्ट लिस्टिंग की प्रक्रिया।

Google My Business के ज़रिए कस्टमर तक पहुंचने के तरीके।

सोशल मीडिया व वीडियो मार्केटिंग का महत्व।

बिज़नेस में अनुशासन, मोटिवेशन और स्ट्रेस-फ्री लाइफ़ मैनेजमेंट।


क्लब की यह पहल सदस्यों को न केवल कारोबारी दृष्टिकोण से मज़बूत करेगी, बल्कि एक-दूसरे के साथ गहरी पहचान और विश्वास भी कायम करेगी। इस दौरान कई नई डील्स और पार्टनरशिप होने की भी संभावना है। कुछ सदस्य प्रोडक्ट सप्लाई करेंगे तो कुछ उन्हें मार्केटिंग व सेल्स में सहयोग देंगे। इस तरह सामूहिक रूप से मुल्तानी बिरादरी के व्यापार को नई दिशा मिलेगी।

ज़मीर आलम ने कहा कि रिसोर्ट जैसे शांत वातावरण में दो दिन बिताना, बिज़नेस की बारीकियां सीखना, नेटवर्क बनाना और आपसी रिश्तों को और करीब लाना – यह सब मिलकर बिरादरी के युवाओं और बिज़नेसमैन भाइयों को बड़ी प्रेरणा देगा।

उन्होंने अपील की कि सभी साथी इस मुहिम पर अपने कीमती मशवरे दें और जो लोग इस टूर में शामिल होना चाहते हैं, वे अपना नाम और संपर्क अवश्य दर्ज कराएं।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार से पंजीकृत, देश की राजधानी दिल्ली से प्रकाशित, पैदायशी इंजीनियर मुस्लिम मुल्तानी लोहार-बढ़ई बिरादरी को समर्पित, देश की एकमात्र राष्ट्रीय पत्रिका “मुल्तानी समाज” के लिए ज़मीर आलम की ख़ास रिपोर्ट।

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अल्लाह की रहमत में खोए : जनाब अब्दुल सत्तार का इंतकाल

निहायत ही दुःख और अफ़सोस के साथ हम अपने बिरादराने हजरात को इत्तिला करते हैं कि आज, इतवार, 28 सितंबर 2025, उत्तर प्रदेश के बागपत जिले की तहसील बड़ौत के गांव बिडौली में हमारे प्यारे बिरादर जनाब अब्दुल सत्तार वल्द जनाब रहीमुद्दीन साहब का इंतकाल हो गया। उम्र लगभग 65 वर्ष थी।

उनका इंतेकाल आज दोपहर लगभग 3 बजे हुआ। यह खबर सुनकर बिरादरी और समाज में गहरा शोक व्याप्त है। हम सब अल्लाह तआला से दुआ करते हैं कि वह मरहूम की रूह को अपने हिफ़ाज़त भरे रहमतों में जगह दें और उनके घरवालों को इस दुःख को सहने की ताक़त अता फरमाएं।

जनाज़े का विवरण:

  • तारीख़: 28 सितंबर 2025
  • समय: नमाज़ ए इशा के बाद
  • स्थान: गांव बिडौली (बड़ौत), कब्रिस्तान

हम अपने सभी बिरादरानों से आग्रह करते हैं कि आप जनाज़े में शरीक होकर अल्लाह से मगफिरत और उनके परिवार के लिए सब्र-ए-जमील की दुआ करें।

हमारी विशेष दुआ:
“अल्लाह तआला अब्दुल सत्तार की रूह को जन्नतुल फ़िरदौस में ऊँचा स्थान दें, उनके गुनाहों को माफ़ फरमाएँ और उनके परिवार को यह दुःख सहने की ताक़त दें। आमीन।”


एक ज़रूरी ऐलान – इंतेकाल की खबर भेजने के लिये अहम् हिदायतें

अक्सर ऐसा होता है कि किसी अज़ीज़ के इंतकाल की खबर बिरादरी तक देर से पहुंचती है या अधूरी जानकारी होने की वजह से लोग जनाज़े तक नहीं पहुँच पाते। इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से गुज़ारिश करती है कि जब भी किसी के इंतकाल की खबर भेजें तो इन बातों का ख़ास ख्याल रखें:


1️⃣ मरहूम/मरहूमा का नाम और उनकी वल्दियत या शौहर का नाम।

2️⃣ पूरा पता (कहां के रहने वाले थे और फिलहाल कहां रह रहे थे)।

3️⃣ दफीने का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।

4️⃣ घर के जिम्मेदार शख्स (एक-दो) के फ़ोन नंबर।

5️⃣ अगर मर्द का इंतकाल हुआ है तो मरहूम का फोटो भी शामिल करें।

6️⃣ इंतकाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)।

7️⃣ घर के बाक़ी अहल-ए-ख़ाना के नाम – जैसे भाई, बहन, माँ-बाप, औलाद वगैरह।


👉 इन तमाम जानकारियों से खबर मुकम्मल होगी और बिरादरी के लोगों को सही-सही जानकारी मिलने से आसानी होगी।

यह समाचार विशेष रूप से सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पंजीकृत, देश की राजधानी दिल्ली से प्रकाशित पत्रिका "मुल्तानी समाज" के लिए तैयार किया गया है। यह पत्रिका विशेष रूप से पैदायशी इंजीनियर मुस्लिम मुल्तानी लोहार और बढ़ई बिरादरी के लिए समर्पित है।


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#MultaniSamaj #मगफिरत #अब्दुल_सत्तार #बिडौली #बड़ौत #बागपत #दुआ #बिरादरी


Friday, September 26, 2025

🌹 बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम 🌹💐 निकाह की तारीख़ की इत्तिला 💐

भीलवाड़ा और नीमच की सरज़मीन से मुल्तानी लोहार बिरादरी के लिए एक निहायत ख़ुशनुमा पैग़ाम आया है। अल्लाह तआला के फ़ज़्ल व करम और बुज़ुर्गों की दुआओं के सदके, मरहूम हाजी उस्मान ग़नी साहब भट्टी (हाट वाले) के पोते और पोती की शादी की तारीख़ें आपसी रज़ामंदी से तय पा गई हैं। यह मुबारक मौक़ा बिरादरी की रस्मो-रिवाज के मुताबिक़ अंजाम दिया जाएगा।

🌴 शादी का प्रोग्राम (इंशाअल्लाह) 🌴

📅 22 अक्टूबर 2025, बुधवार
💫 नेक फरजंद मोहम्मद जुनैद इब्ने मोहम्मद उमर भट्टी
🍁 हमराह 🍁
💫 नूर-ए-चश्म आयशा सिद्दीका बिन्ते हाजी नूर हसन साहब मक्कड़, उदयपुर

📅 23 अक्टूबर 2025, जुमेरात
💫 नेक फरजंद ज़की अहमद इब्ने आफ़ताब अहमद भट्टी
🍁 हमराह 🍁
💫 नूर-ए-चश्म साहिबा नूर बिन्ते मोहम्मद यूनुस साहब काज़ी, मांडल वाले, भीलवाड़ा

📅 25 अक्टूबर 2025, शनिवार
💫 नूर-ए-चश्म माहे नूर बिन्ते इफ्तेखार अहमद भट्टी
🍁 हमराह 🍁
💫 नेक फरजंद मोहम्मद सोहेल इब्ने मोहम्मद यूनुस साहब काज़ी, मांडल वाले, भीलवाड़ा

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अद्दाई:
हाजी खादिम हुसैन भट्टी (हाट वाले, नीमच)

मुन्तज़िरीन:
हाजी साबिर हुसैन, मोहम्मद सलीम, हाजी अब्दुल समद, अल्ताफ हुसैन

अल्मुकल्लेफ़ीन:
मोहम्मद उमर, आफ़ताब अहमद, नायाब अहमद, इफ्तेखार अहमद, सईद अहमद

चश्म-ए-बराह:
मोईनुद्दीन, मोहम्मद आसिम, अब्दुल अली, मोहम्मद जुबैर, सोहेल अहमद, मोहम्मद अल्तमश, मोहम्मद नूर, मोहम्मद तौहीद, मोहम्मद रज़ा, मोहम्मद हसन, मोहम्मद हनीफ़ और तमाम अहले भट्टी खानदान (हाट वाले, नीमच)

📍 मुक़ाम: अहमद मार्केट, सिविल हॉस्पिटल रोड, नीमच (म.प्र.)
📱 9827440512 | 7000425138 | 9425106186

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यह मुबारक खबर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार से पंजीकृत, दिल्ली से प्रकाशित और मुल्तानी लोहार-बढ़ई बिरादरी को समर्पित देश की इकलौती पत्रिका "मुल्तानी समाज" के लिए ज़मीर आलम की ख़ास रिपोर्ट है।

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🌹 बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम 🌹💐 निकाह की ख़ुशख़बरी 💐

भीलवाड़ा (राजस्थान) से एक बड़ी और खुशनुमा खबर आई है। मुल्तानी लोहार बिरादरी के प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखने वाले मरहूम हाजी अब्दुल सत्तार भट्टी की पोती और आबिद हुसैन भट्टी की साहिबज़ादी, नूर-ए-नज़र फरीन बानो का निकाह, नूर-ए-ऐन तसद्दूक हुसैन इब्ने अब्दुल समद (पूँवार अजमेर वाले, उदयपुर) से मुक़र्रर हुआ है।

यह निकाह-ए-मुबारक़ 30 दिसम्बर 2025 (मुताबिक़ 09 रजब 1447 हिजरी, दिन मंगलवार, बाद नमाज़-ए-असर) को पोलोटेक्निक कॉलेज कम्युनिटी हॉल, तिलक नगर, भीलवाड़ा (राजस्थान) में अंजाम दिया जाएगा।

🌹 शादी का पैग़ाम 🌹
आद्दईयान-ए-निकाह में नूर मोहम्मद भट्टी (वल्द मरहूम अब्दुल रहमान भट्टी, भीलवाड़ा) के साथ साथ अब्दुल समद, अब्दुल सलाम, मोहम्मद सलीम, मोहम्मद शकील, अब्दुल रशीद भट्टी (वल्द मरहूम बाबू अब्दुल करीम भट्टी, इंदौर) शामिल हैं।

मुकल्फीन और चश्म-ए-बराह भी पूरे इख़लास के साथ मेहमानों को इस जश्न-ए-निकाह की दावत दे रहे हैं।

🌺 गुज़ारिश 🌺
तमाम अहले बिरादरी से पुरखुलूस और मुअद्दबाना गुज़ारिश की जाती है कि इस मुबारक मौके पर तशरीफ़ ला कर महफ़िल-ए-निकाह की रौनक बढ़ाएं और दुल्हा-दुल्हन को अपनी नेक दुआओं से नवाज़ें।

📌 पता:
मदीना कॉलोनी के सामने, भवानी नगर, भीलवाड़ा (राजस्थान)
संपर्क:

  • नूर मोहम्मद भट्टी – 9571727373
  • साबिर हुसैन भट्टी – 9636514750
  • जाकिर हुसैन भट्टी – 9413271530
  • आबिद हुसैन भट्टी – 9828556337
  • शाहिद हुसैन भट्टी – 9079092833

✨ यह खबर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार से पंजीकृत, दिल्ली से प्रकाशित और मुल्तानी लोहार-बढ़ई बिरादरी को समर्पित देश की एकमात्र पत्रिका "मुल्तानी समाज" के लिए राजस्थान प्रभारी अब्दुल क़ादिर मुल्तानी की ख़ास रिपोर्ट है।

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बुजुर्गाने दीन व मां - बाप की दुआओं से मरहूम जनाब अजीज साहब के पोते और पोती व मोहम्मद अनीस के नेक फरजंद और नेक दुख्तर की शादी खाना आबादी हस्बे जेल प्रोग्राम के मुताबिक तय किया है !

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🌹 *بسم اللہ الرحمن الرحیم* 🌹

    *अन्निकहों मिन सुन्नती*


💖 *दुआएं हम भी करते है, दुआएं आप भी दे जाना।*
*मोहब्बत से बुलाया है, मोहब्बत से चले आना।*💖
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जनाब, 

*اسلام علیکم ورحمت* *اللہ وبرکاتہ* 
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तहरीर-ए-इश्क
अहले मुल्तानी बिरादरान की ख़िदमत में अदब के साथ अर्ज है
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*बहुत ही खुशी* *के साथ यह तहरीर की जाती है* ।
*अल्लाह के फज़लो करम से व हमारे आका सल्लालाहु अलैहि वसल्लम  के सदके तुफैल से  व हमारे पीरो मुर्शीद हुजूर सूफी ए आजम मालवा की दुआओं के सद्का ए तुफैल व बुजुर्गाने दीन व मां - बाप की दुआओं से जनाब * मरहूम भाई अजीज के पोते और  पोती व मोहम्मद अनीस के नेक फरजंद और नेक दुख्तर* की *शादी* खाना आबादी हस्बे जेल *प्रोग्राम* के मुताबिक तय किया है ! 
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*انشاءاللہ*...
     
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*प्रोग्राम* *इंशाअल्लाह*
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*दाल बाटी, हरफूल व निकासी का प्रोग्राम*

*9 जमादिल उला 1447 हिजरी* मुताबिक़ *1 नवम्बर 2025* बरोज
*शनिचर बाद नमाज़ ए मगरिब*
नोट :- बरात रवानगी 1 नवम्बर 2025 बस के जरिए रात में 

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💐निकाह   *_मो. अशरफ_*   *10 जमादिल उला 1447 हिजरी* मुताबिक *2*  *नवम्बर 2025* *बरोज इतवार* *बाद नमाज ए असर*💐
*बामुकाम:- रंग महल गार्डन, रॉबर्ट चौराहा, एम. आर. 9, खजराना, इन्दौर (म. प्र.)*

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         *नेक फरजंद* 
      *मोहम्मद अशरफ* 
               इब्ने 
*मोहम्मद अनीस मोटियार*
            *कोटा (राज.)*

     🍁 *हमराह* 🍁
 
            *नेक दुख्तर*
          *अल्फिया नूर*
                बिन्ते 
*जनाब:- मोहम्मद इलयास साहब भट्टो*   
       *( खेड़ी वाले )* 
       *इन्दौर (म. प्र.)*

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           *नेक दुख्तर* 
        *आसिफा बानो*
               बिन्ते
*मोहम्मद अनीस मोटियार*
           *कोटा (राज.)*


       🍁 *हमराह* 🍁


         *नेक फरजंद*
        *कासिम अली*
               इब्न 
*जनाब :- साबिर हुसैन साहब भट्टो* 
         *कोटा (राज.)*

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*प्रोग्राम* *इंशाअल्लाह*

 दावत ए वलीमा *मोहम्मद अशरफ* व दावत ए निकाह *आसिफा बानो* 
*13 जमादिल उला 1447 हिजरी बतारीख 5 नवम्बर 2025 बरोज बुध बाद नमाज ए असर*
*_गुजारिश है कि दूल्हा व दुल्हन को अपनी नेक दुआओं से नवाजे_*
*बमूकाम :- s.k. रिसॉर्ट*
*जैन मंदिर के पीछे, माइल स्टोन टाउनशिप के पास, बड़ी नहर रोड, कोटा (राजस्थान)*

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*अद्दाईयान*
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*अब्दुल रशीद मोटियार कोटा (राज.)*
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*अलमुकल्लेफिन*
मोहम्मद अनीस, मोहम्मद रईस (बंटी), मोहम्मद इरफान, अब्दुल वाहिद अशरफ़ी (बल्लू)

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          *मुन्तज़रिन*
अब्दुल हफीज, वसीम अकरम, मोहम्मद इमरान (शब्बू), अब्दुल रईस (कल्लू), मोहम्मद इरफान, मोहम्मद आरिफ

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*चश्मे बराह*
मो.कैफ, मो. अदनान, मो. अरहम, मो. फ़ुजैल, मो. सालिक, शाहिद रज़ा, मो. वसील, माहिर रजा, मो तौकीर 

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*वअहले मोटियार खानदान* 
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✨ *फर्म :-* *_सीमननी एंटरप्राइजैज, हिंदुस्तान एंटरप्राइजैज, हिंदुस्तान इंडस्ट्रीज, स्टार रॉलिंग शटर ।✨
 
मो.नम्बर ।
*मोहम्मद अनीस*
9414102486
*मोहम्मद रईस (बंटी)*
9413786342
*मोहम्मद इरफान* 
9468787877
*अब्दुल वाहिद अशरफी (बल्लू)*
9414210192

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*पता:- बी एड कॉलेज के पास, सकतपुरा, कोटा (राज.)*
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Thursday, September 25, 2025

इंतेकाल की अफसोसनाक इत्तला

निहायत ही अफसोस और रंज-ओ-ग़म के साथ तमाम मुस्लिम मुल्तानी और बढ़ई बिरादरी को यह इत्तला-ए-आम करनी है कि आज दिन जुमेरात, 25 सितंबर 2025 को जनाब पप्पू साहब (बड़े कारखाने वाले) की अहलिया का इंतकाल हो गया है।

मरहूमा का मकाम मोहल्ला सत्ती लुहारो वाली मस्जिद के सामने, रुड़की, हरिद्वार (उत्तराखंड) था। इनकी जनाजे की नमाज़ आज बाद नमाज-ए-ईशा ईदगाह रुड़की में अदा की जाएगी।

तमाम बिरादराने-इस्लाम से गुज़ारिश है कि ज़्यादा से ज़्यादा तादाद में जनाज़े में शरीक होकर सवाब-ए-दारेन हासिल करें।

मग़फ़िरत की दुआ

अल्लाह तआला मरहूमा की मग़फ़िरत फरमाए,
उनके कब्र को रौशन फरमाए,
जन्नत-उल-फ़िरदौस में आला मक़ाम अता फरमाए,
और अहल-ए-ख़ाना को सब्र-ए-जमील अता फरमाए।
आमीन


एक ज़रूरी ऐलान

अक्सर ऐसा होता है कि किसी अज़ीज़ के इंतेकाल की खबर बिरादरी तक देर से पहुंचती है या अधूरी जानकारी होने के कारण लोग जनाज़े में शरीक नहीं हो पाते। इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने-इस्लाम से दरख़्वास्त करती है कि जब भी इंतेकाल की खबर भेजें, तो इन बातों का ख़ास ख्याल रखें:

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का नाम और उनकी वल्दियत या शौहर का नाम।
2️⃣ पूरा पता (कहां के रहने वाले थे और फिलहाल कहां रह रहे थे)।
3️⃣ दफीने का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।
4️⃣ घर के जिम्मेदार शख्स (एक-दो) के फ़ोन नंबर।
5️⃣ अगर मर्द का इंतेकाल हुआ है तो मरहूम का फोटो भी शामिल करें।
6️⃣ इंतेकाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)।
7️⃣ घर के बाक़ी अहल-ए-ख़ाना के नाम – जैसे भाई, बहन, माँ-बाप, औलाद वगैरह।

इन तमाम जानकारियों से खबर मुकम्मल होगी और बिरादरी के लोगों तक सही-सही जानकारी पहुंचने में आसानी होगी।


✍️ ज़मीर आलम
(सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पंजीकृत, दिल्ली से प्रकाशित, पैदायशी इंजीनियर मुस्लिम मुल्तानी लोहार-बढ़ई बिरादरी को समर्पित देश की एकमात्र पत्रिका “मुल्तानी समाज” के लिए खास रिपोर्ट)

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इंतेकाल की इत्तला “शाहिना बी ने 48 साल की उम्र में इस फ़ानी दुनिया को कहा अलविदा”

“थानाभवन कस्बे का रंजो-ग़म में डूबा माहौल, बिरादरी ने किया दुख का इज़हार”

निहायत ही अफ़सोस और रंज के साथ तमाम बिरादराना हज़रात को यह इत्तला दी जाती है कि आज दिन जुमेरात, 25 सितंबर 2025 को मोहल्ला हाफ़िज दोस्त, खानकाह के पास कस्बा थानाभवन, जिला शामली में रहने वाले जनाब उमरदीन साहब के बेटे सलीम साहब की अहलिया शाहिना बी का तक़रीबन शाम 4 बजे गंगा अमृत अस्पताल, शामली में इंतेकाल हो गया। मरहूमा की उम्र लगभग 48 साल थी और वह पिछले कुछ महीनों से दिल की बीमारी में मुब्तिला थीं।

मरहूमा का मायका गांव हथछोया, जिला शामली था और वह मरहूम अमीर अहमद साहब (राज मिस्त्री) की बेटी थीं।

मरहूमा अपने पीछे अपने शौहर, 5 बेटियां और 2 बेटे, तथा पूरा कुनबा और खानदान रोता-बिलखता छोड़कर हमेशा के लिए इस दुनिया से रुख़्सत हो गईं।

🕊️ अल्लाह तआला मरहूमा की मग़फ़िरत फ़रमाए, उनके कब्र को जन्नतुल फ़िरदौस का बाग़ बनाए और अहल-ए-ख़ाना को सब्र-ए-जमील अता फ़रमाए। आमीन।


🕌 दफीने की जानकारी

खबर लिखे जाने तक मय्यत को अस्पताल से उनके घर कस्बा थानाभवन लाया जा रहा था।
अभी दफीने का वक़्त मुक़र्रर नहीं हुआ है। जैसे ही इत्तला हासिल होगी, खबर अपडेट कर दी जाएगी।


📞 राब्ता

मरहूमा के बारे में तफ़्सीलात जानने के लिए मुल्तानी समाज चैरिटेबल ट्रस्ट, युवा प्रकोष्ठ के जिला चेयरमैन मेहरान अहमद से मोबाइल नंबर 7417465360 पर राब्ता किया जा सकता है।


📰 सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पंजीकृत
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✍️ ज़मीर आलम की खास रिपोर्ट
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Monday, September 22, 2025

जवान मौत से बिरादरी में मातम: मोहम्मद शाकिर उर्फ सोनू का इंतकाल

सहारनपुर / 23 सितम्बर 2025।

निहायत ही रंज और ग़म के साथ आप सभी बिरादराना हजरात को यह इत्तिला दी जाती है कि आज दिन मंगलवार, 23 सितंबर 2025 को मोहम्मद शाकिर उर्फ सोनू वल्द जनाब अनीस साहब (बवाली वाले), हाल बाशिंदे चौधरान पट्टी, बड़ौत जिला बागपत, उत्तर प्रदेश का सुबह 5 बजे तकरीबन 35 साल की उम्र में जवान मौत से बिरादरी में कोहराम मच गया ।

मरहूम कई दिनों पहले बड़े हेमर पर चोट के कारण गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश के अस्पताल में भर्ती थे। उनके आकस्मिक निधन से पूरे कुनबे और बिरादरी में गहरा मातम छा गया है।


👨‍👩‍👧‍👦 परिवार और रिश्तेदार

मरहूम हाजी अहमद हसन साहब के पौते और पप्पू बावली वाले के भतीजे थे। उनके परिवार में दो भाई मोहम्मद कादिर और मोहम्मद सादिक, तथा दो बहनें बुशरा और साबिया शामिल हैं।

मरहूम अपने पीछे अपने वालिद, वालिदा, अपनी अहलिया और दो छोटे-छोटे बच्चे (एक लड़का और एक लड़की) सहित पूरे कुनबे, खानदान और रिश्तेदारों को छोड़ गए। अल्लाह से दुआ है कि मरहूम की मगफिरत फरमाए और घर वालों को जवान मौत पर सब्र-ए-जमील अता फरमाए। आमीन।


📞 और जानकारी

मरहूम के बारे में और ज्यादा मालूमात के लिए उनके चाचाजाद भाई जनाब फ़हीम साहब से संपर्क किया जा सकता है: 8006381200


⚠️ इंतकाल की खबर भेजने के लिए अहम हिदायतें

“मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से गुज़ारिश करती है कि इंतकाल की खबर भेजते समय निम्न बातों का ध्यान रखा जाए:

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का नाम और वल्दियत या शौहर का नाम।
2️⃣ पूरा पता (कहां के रहने वाले थे और फिलहाल कहां रह रहे थे)।
3️⃣ दफीने का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।
4️⃣ घर के जिम्मेदार शख्स (एक-दो) के फ़ोन नंबर।
5️⃣ अगर मर्द का इंतकाल हुआ है तो मरहूम का फोटो शामिल करें।
6️⃣ इंतकाल की वजह (यदि बताना मुनासिब हो)।
7️⃣ घर के बाक़ी अहल-ए-ख़ाना के नाम – जैसे भाई, बहन, माँ-बाप, औलाद वगैरह।

इन जानकारियों से खबर मुकम्मल होगी और बिरादरी के लोग सही-सही जानकारी से जनाज़े और दुआ में शरीक हो सकेंगे।


✍️ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पंजीकृत, दिल्ली से प्रकाशित, पैदायशी इंजीनियर मुस्लिम मुल्तानी लोहार-बढ़ई बिरादरी को समर्पित देश की एकमात्र पत्रिका “मुल्तानी समाज” के लिए पत्रकार ज़मीर आलम की खास रिपोर्ट

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जनाब मजीद साहब उर्फ़ कालू मिस्त्री का इंतकाल, दिलों को ग़मगीन कर गया मजीद साहब का बिछड़ना, दुआओं और आँसुओं के साथ किया जाएगा आखिरी सफ़र।

निहायत ही रंज़ ओ ग़म के साथ यह इत्तिला दी जाती है कि गाँव सुनहेड़ा बसी, जिला बागपत (उत्तर प्रदेश) के बाशिंदे और हाल मुक़ाम ई ब्लॉक, थाना जहांगीरपुरी, दिल्ली में रह रहे जनाब मजीद साहब उर्फ़ कालू मिस्त्री कल दिन पीर, 22 सितंबर 2025 की बीती रात तक़रीबन साढ़े 11 और 12 बजे के दरमियान गुरु तेग बहादुर हॉस्पिटल में इलाज़ के दौरान इंतकाल फरमा गए।

मरहूम साहब काफ़ी अरसे से बीमारियों में मुब्तिला थे। उनकी अहलिया का पहले ही इंतकाल हो चुका था और अल्लाह की रहमत से इन्हें कोई औलाद भी नहीं थी। यह इत्तिला ग़मगीन दिल के साथ दी जा रही है कि अब उनका कोई सीधा वारिस मौजूद नहीं है।

अल्लाह तआला मरहूम की मग़फ़िरत फ़रमाए, उन्हें जन्नत-उल-फिरदौस में आला मक़ाम अता फ़रमाए और उनके अहबाब व अज़ीज़ों को सब्र-ए-जमील की तौफ़ीक़ अता फ़रमाए। आमीन।

मरहूम का जनाज़ा आज दिन मंगलवार, 23 सितंबर 2025 की सुबह 9:00 से 9:30 बजे के दरमियान अदा किया जाएगा। तमाम बिरादराने इस्लाम से गुज़ारिश है कि जनाज़े में शरीक होकर सवाब-ए-दारेन हासिल करें और मरहूम के लिए दुआएं करें।


🕌 इंतेकाल की खबर भेजने के लिए ज़रूरी ऐलान

अक्सर ऐसा होता है कि किसी अज़ीज़ के इंतकाल की खबर बिरादरी तक देर से पहुँचती है या अधूरी जानकारी की वजह से लोग जनाज़े तक नहीं पहुँच पाते। इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से गुज़ारिश करती है कि जब भी किसी का इंतकाल हो, तो खबर भेजते वक़्त इन बातों का ख़ास ख्याल रखें:

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का नाम और उनकी वल्दियत या शौहर का नाम।
2️⃣ पूरा पता – कहां के रहने वाले थे और इस वक़्त कहां रह रहे थे।
3️⃣ दफ़न का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।
4️⃣ घर के जिम्मेदार शख्स (एक-दो) के मोबाइल नंबर।
5️⃣ अगर मर्द का इंतकाल हुआ है तो मरहूम का फोटो शामिल करें।
6️⃣ इंतकाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)।
7️⃣ घर के बाक़ी अहल-ए-ख़ाना के नाम – जैसे भाई, बहन, माँ-बाप, औलाद आदि।

इन तमाम जानकारियों से खबर मुकम्मल होगी और बिरादरी के लोगों को सही-सही जानकारी मिलने से आसानी होगी।


📌 मरहूम मजीद साहब के बारे में और मालूमात के लिए उनके सगे भांजे जनाब नदीम खान (बड़ौत, जिला बागपत, उत्तर प्रदेश) से मोबाइल नंबर 6395535688 पर राब्ता किया जा सकता है।


🕊️ शोक संदेश 🕊️

"इन्ना लिल्लाही वा इन्ना इलैहि राजिऊन"
अल्लाह तआला मरहूम मजीद साहब की मग़फ़िरत फ़रमाए, उनकी कब्र को जन्नत के बाग़ों में से एक बाग़ बनाए, उन्हें अपने नूर से मुनव्वर फ़रमाए और जन्नतुल फ़िरदौस में आला मक़ाम अता फ़रमाए।
ख़ुदा उनके अहबाब को सब्र-ए-जमील की तौफ़ीक़ दे और इस ग़म को सहने की हिम्मत अता करे। आमीन।


सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार से पंजीकृत, देश की राजधानी दिल्ली से प्रकाशित, पैदायशी इंजीनियर मुस्लिम मुल्तानी लोहार-बढ़ई बिरादरी को समर्पित देश की एकमात्र पत्रिका – “मुल्तानी समाज”
✍️ खास रिपोर्ट: ज़मीर आलम
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अचानक मौत की दो दर्दनाक खबरें मुल्तानी बिरादरी में ग़म का साया, दुआ-ए-मग़फ़िरत की अपील

निहायत ही अफ़सोस और रंज के साथ हम आप सभी हज़रात तक यह दर्दनाक इत्तिला पहुंचा रहे हैं कि आज का दिन हमारी बिरादरी के लिए बेहद ग़मगीन साबित हुआ है। एक ही दिन में हमें दो अहम शख़्सियतों के इंतेकाल की ख़बर मिली, जिनकी जुदाई ने अपने-पराए सबको सदमे और मायूसी में डाल दिया।

पहली ख़बर

जनाब मोहम्मद आदिल वल्द जनाब साबिर साहब (सरधना वाले), उम्र तक़रीबन 36 साल, जो दिल्ली के संगम विहार में मुक़ीम थे, बीती रात करीब 1:30 बजे इंतिक़ाल फरमा गए। उनकी कमसिन उम्र और अचानक हुई जुदाई ने पूरे घराने को ग़म के साए में ढक दिया है।

दूसरी ख़बर

मुस्ताक साहब (मुजादपुर वाले) की अहलिया, मोहतरमा सकीना बी का आज सुबह करीब 10 से 11 बजे के दरमियान इंतेकाल हो गया। मरहूमा का हाल मुक़ाम मोहल्ला काजियान, क़स्बा खतौली, जिला मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) है। तदफ़ीन का वक़्त अभी तय नहीं हो पाया है, जिसकी सूचना जल्द साझा की जाएगी।

दुआ और तसल्ल्ली

इन्ना लिल्लाही वा इन्ना इलैहि राजिऊन।
अल्लाह तआला मरहूम और मरहूमा दोनों को अपने जवार-ए-रहमत में आला मुक़ाम अता फ़रमाए। उनकी मग़फ़िरत फरमाए और जन्नतुल फिरदौस में बुलंद दर्ज़ात से नवाज़े। आमीन।

हम तमाम अहबाब और बिरादरान से गुज़ारिश करते हैं कि मरहूम और मरहूमा की मग़फ़िरत के लिए सूरह-ए-फ़ातिहा, दुरूद शरीफ़ और दुआ-ए-ख़ैर ज़रूर करें।


📰 "मुल्तानी समाज" – सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पंजीकृत, देश की राजधानी दिल्ली से प्रकाशित, पैदायशी इंजीनियर मुस्लिम मुल्तानी लोहार-बढ़ई बिरादरी को समर्पित देश की एकमात्र पत्रिका।

✍️ ख़ास रिपोर्ट: ज़मीर आलम
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Sunday, September 21, 2025

सहारनपुर से अफसोसनाक खबर, मरहूमा हज्जन रशीदा बी अहलिया हाजी खुरशीद साहब का इंतकाल

सहारनपुर, 22 सितंबर 2025 (बरोज़ पीर) –

निहायत ही अफसोस और रंज व ग़म के साथ यह इत्तिला दी जाती है कि सहारनपुर की एक बुज़ुर्ग और मुहतरम खातून हज्जन रशीदा बी अहलिया हाजी खुरशीद साहब ने इस फानी दुनिया को अलविदा कह दिया।
इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलैहि राजिऊन।

मरहूमा की रिहाइश मौहल्ला विजय सिनेमा के पास, हाजी फरहत साहब के मकान में थी। जनाज़े की नमाज़ आज बाद नमाज़-ए-असर, शाम 5:00 बजे अदा की जाएगी। इसके बाद उन्हें निर्जन शाह कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-ख़ाक किया जाएगा।

मरहूमा एक नेक-सीरत, सादा तबीयत और बिरादरी में अज़मत व इज्ज़त रखने वाली खातून थीं। उनके इंतकाल से पूरा घराना और बिरादरी ग़मगीन है।

हम दुआगो हैं कि अल्लाह तआला मरहूमा की मग़फिरत फ़रमाए, उनके दरजात बुलंद करे और जन्नतुल फ़िरदौस में आला मुक़ाम अता फ़रमाए।
आमीन या रब्बुल आलमीन।

साथ ही अल्लाह से दुआ है कि घर वालों को सब्र-ए-जमील अता फ़रमाए और इस सदमे को बर्दाश्त करने की हिम्मत दे।


एक ज़रूरी गुज़ारिश

अक्सर ऐसा देखा गया है कि इंतकाल की खबर अधूरी जानकारी या देर से पहुँचने की वजह से बिरादरी के कई लोग जनाज़े तक शरीक नहीं हो पाते। “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादरान-ए-इस्लाम से दरख्वास्त करती है कि जब भी इंतकाल की खबर भेजें तो इन बातों का ख़ास ख्याल रखें:

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का पूरा नाम और उनकी वल्दियत या शौहर का नाम।
2️⃣ पूरा पता – (कहां के रहने वाले थे और फिलहाल कहां रह रहे थे)।
3️⃣ दफीन का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।
4️⃣ घर के जिम्मेदार शख्स (एक-दो) के मोबाइल नंबर।
5️⃣ अगर मर्द का इंतकाल हुआ हो तो मरहूम का फोटो भी शामिल करें।
6️⃣ इंतकाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)।
7️⃣ घर के बाकी अहल-ए-ख़ाना के नाम – जैसे औलाद, भाई, बहन, माँ-बाप आदि।

👉 इन जानकारियों से खबर मुकम्मल और भरोसेमंद बनेगी, ताकि बिरादरी के लोग वक़्त पर जनाज़े में शरीक होकर सवाबे दारेन हासिल कर सकें।


📌 सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार से पंजीकृत, देश की राजधानी दिल्ली से प्रकाशित, मुस्लिम मुल्तानी लोहार-बढ़ई बिरादरी को समर्पित एकमात्र राष्ट्रीय पत्रिका – “मुल्तानी समाज” के लिए यह रिपोर्ट सहारनपुर से खादिम अब्दुल खालिक ने पेश की।

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निहायत अफ़सोसनाक इत्तला – दो अफ़राद के इंतकाल की वायरल खबर

निहायत ही अफ़सोस और ग़म के साथ आप तमाम हज़रत को यह इत्तला दी जाती है कि आज “मुस्लिम मुल्तानी लोहार बिरादरी” के दो अफ़राद के इंतकाल की वायरल सूचना प्राप्त हुई है। यह हमारी बिरादरी के लिए एक बेहद रंज व मलाल का मौक़ा है। इन दोनों खबरों की तहक़ीक़ात करना और मुकम्मल जानकारी आप तक पहुँचाना हमारी जिम्मेदारी है।

हम तमाम बिरादराने इस्लाम से दरख़्वास्त करते हैं कि अगर किसी साहब को इन दोनों या किसी एक मरहूम के बारे में पूरी जानकारी हासिल हो, तो फौरन “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के मोबाईल नंबर 8010884848 पर कॉल करके हमें सूचित करें ताकि सही और मुकम्मल जानकारी बिरादरी तक पहुंचाई जा सके।


पहली वायरल ख़बर

मरहूम अज़ीज़ुद्दीन मुल्तानी उर्फ छोटे बाबू
धामपुर वालों का इंतकाल हो गया है।

मरहूम के लिए दुआ-ए-मग़फ़िरत करें — अल्लाह तआला मरहूम की मग़फ़िरत फ़रमाए, उनके दरजात बुलंद करे और अहल-ए-ख़ाना को सब्र-ए-जमील अता फरमाए। आमीन सुम्मा आमीन।

यह खबर वसीम अकरम साहब (मोबाइल नंबर: 8218402992) से वायरल हुई है। कॉल करने की कोशिश की गई, लेकिन किसी वजह से कॉल रिसीव नहीं हो सका।


दूसरी वायरल ख़बर

आदिल, साहबज़ादे साबिर सरधना वालों के, जिनका परिवार इस वक़्त दिल्ली के देवली, सनी बाज़ार, संगम विहार में रह रहा है, का इंतकाल हो गया है।

यह खबर अब्दुल बरी साहब (मोबाइल नंबर: 9718287028) से वायरल हुई है।


एक ज़रूरी ऐलान – इंतकाल की खबर भेजने के लिये अहम् हिदायतें

अक्सर देखा गया है कि किसी अज़ीज़ के इंतकाल की खबर बिरादरी तक देर से पहुँचती है या अधूरी जानकारी होने के कारण लोग जनाज़े तक नहीं पहुँच पाते। इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से ख़ास गुज़ारिश करती है कि जब भी किसी के इंतकाल की खबर भेजें तो इन बातों का ख़ास ख्याल रखें:

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का पूरा नाम तथा उनकी वल्दियत या शौहर का नाम।
2️⃣ पूरा पता (कहाँ के रहने वाले थे और इस वक़्त कहाँ रह रहे थे)।
3️⃣ दफीने (दफ़न) का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।
4️⃣ घर के जिम्मेदार अफ़राद (एक-दो) के मोबाइल नंबर।
5️⃣ अगर मर्द का इंतकाल हुआ है तो मरहूम का फोटो भी शामिल करें।
6️⃣ इंतकाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)।
7️⃣ घर के बाक़ी अहल-ए-ख़ाना के नाम — जैसे भाई, बहन, माँ-बाप, औलाद वगैरह।

👉 इन तमाम जानकारियों के साथ खबर मुकम्मल होगी और बिरादरी के लोगों तक सही-सही जानकारी पहुँचने से आसानी होगी।


सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार से पंजीकृत,
देश की राजधानी दिल्ली से प्रकाशित,
पैदायशी इंजीनियर, मुस्लिम मुल्तानी लोहार–बढ़ई बिरादरी को समर्पित
देश की एकमात्र पत्रिका – “मुल्तानी समाज”

ज़मीर आलम की ख़ास रिपोर्ट

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जवान लड़के मोहम्मद शकील का इंतिक़ाल – बड़ौत की बिरादरी में मातम

बड़ौत, 21 सितंबर 2025 –

सभी मुस्लिम मुल्तानी लोहार, बढ़ई बिरादरी को यह बेइंतहा दुःख के साथ इत्तिला दी जाती है कि आज दिन इतवार, मोहम्मद शकील वल्द जनाब शकूर साहब (सिक्का वाले), उम्र तक़रीबन 24 साल, हाल बाशिंदा इदारा हैमर कॉलोनी, बड़ौत, जिला बागपत, बीमारी के चलते अभी कुछ देर पहले हॉस्पिटल में इंतिक़ाल कर गए।

खबर लिखे जाने तक मरहूम की मय्यत को घर लाने की तैयारी जारी थी। इस जवान मौत की अचानक खबर से पूरी बिरादरी ग़म में डूब गई है और बड़ौत की गलियों में मातम पसरा हुआ है। अल्लाह तआला मरहूम को अपनी रहमत और मग़फिरत से नवाज़े और उनके अहल-ए-ख़ाना को सब्र-ए-जमील अता फरमाए। आमीन।

यह खबर और भी ग़मगीन तब हो जाती है जब मालूम होता है कि मरहूम की शादी को चंद ही महीने गुज़रे थे। इतनी कम उम्र में रुख़सती ने हर दिल को हिला दिया है। बिरादरी के लोग ग़म और रंज में डूबे हुए हैं और घरवालों को तसल्ली देने की कोशिश कर रहे हैं।

अभी तक दफ़नाने का वक़्त और कब्रिस्तान की तफसील सामने नहीं आ सकी है। उम्मीद है कि कुछ ही देर में मुकम्मल जानकारी मिलते ही "मुल्तानी समाज" अपने तमाम अहबाब और बिरादरान तक पहुंचाएगा।

मरहूम के भाई मोहतरम आली जनाब जमील साहब ( सिक्का) वालों का मोबाईल नंबर - 9897674881 पर कॉल करके आप अपना दुःख का इज़हार कर सकते है।


📝 एक ज़रूरी ऐलान – इंतेकाल की खबर भेजने के लिये अहम् हिदायतें

अक्सर ऐसा होता है कि किसी अज़ीज़ के इंतिक़ाल की खबर बिरादरी तक देर से पहुँचती है या अधूरी जानकारी होने की वजह से लोग जनाज़े में शरीक नहीं हो पाते। इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से गुज़ारिश करती है कि जब भी किसी के इंतिक़ाल की खबर भेजें तो इन बातों का ख़ास ख्याल रखें:

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का नाम और उनकी वल्दियत या शौहर का नाम।
2️⃣ पूरा पता (कहाँ के रहने वाले थे और फिलहाल कहाँ रह रहे थे)।
3️⃣ दफ़ीने का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।
4️⃣ घर के जिम्मेदार शख्स (एक-दो) के फ़ोन नंबर।
5️⃣ अगर मर्द का इंतिक़ाल हुआ है तो मरहूम का फोटो भी शामिल करें।
6️⃣ इंतिक़ाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)।
7️⃣ घर के बाक़ी अहल-ए-ख़ाना के नाम – जैसे भाई, बहन, माँ-बाप, औलाद वगैरह।

👉 इन तमाम जानकारियों से खबर मुकम्मल होगी और बिरादरी के लोगों को सही-सही जानकारी मिलने से आसानी होगी।


📌 सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पंजीकृत, देश की राजधानी दिल्ली से प्रकाशित, पैदायशी इंजीनियर मुस्लिम मुल्तानी लोहार, बढ़ई बिरादरी को समर्पित देश की एकमात्र पत्रिका “मुल्तानी समाज” के लिए ज़मीर आलम की खास रिपोर्ट

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जनाब रियाज़ साहब का इंतकाल, बिरादरी ने एक बुज़ुर्ग शख़्सियत को खो दिया

दिन: इतवार, 21 सितंबर 2025

स्थान: लिंक रोड, सहारनपुर (उत्तर प्रदेश)

निहायत ही अफ़सोस और रंज व ग़म के साथ अहले मुस्लिम मुल्तानी लोहार बिरादरी को यह इत्तला दी जाती है कि आज हमारे बीच से

जनाब रियाज़ साहब

(उम्र लगभग 75 वर्ष)

हमेशा के लिए इस फ़ानी दुनिया को अलविदा कह गए।
मरहूम एक अरसे से ज़ेरे इलाज थे।
आपका मकान लिंक रोड, नौशाद साहब के मकान के क़रीब, सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) पर स्थित है।

إنا لله وإنا إليه راجعون


🌙 नमाज़े जनाज़ा व तदफीन

  • वक्त: नमाज़-ए-इशा के बाद (8:15 बजे)
  • कब्रिस्तान: निर्जन शाह, सहारनपुर (उत्तर प्रदेश)

📢 एक ज़रूरी ऐलान – इंतेकाल की खबर भेजने के लिये अहम हिदायतें

अक्सर यह देखा गया है कि किसी अज़ीज़ के इंतकाल की खबर बिरादरी तक देर से पहुँचती है या अधूरी जानकारी होने की वजह से लोग जनाज़े में शरीक नहीं हो पाते।
इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से गुज़ारिश करती है कि जब भी किसी के इंतकाल की खबर भेजें तो इन बातों का ख़ास ख्याल रखें:

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का पूरा नाम और उनकी वल्दियत या शौहर का नाम।
2️⃣ पूरा पता – (कहाँ के रहने वाले थे और इस वक़्त कहाँ रह रहे थे)।
3️⃣ दफ़ीने का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।
4️⃣ घर के जिम्मेदार शख़्स (एक-दो) के मोबाइल नंबर।
5️⃣ अगर मर्द का इंतकाल हुआ है तो मरहूम का फोटो भी शामिल करें।
6️⃣ इंतकाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)।
7️⃣ घर के बाक़ी अहल-ए-ख़ाना के नाम – जैसे भाई, बहन, माँ-बाप, औलाद वगैरह।

👉 इन तमाम जानकारियों से खबर मुकम्मल होगी और बिरादरी के लोगों को सही जानकारी मिलने से आसानी होगी, जिससे जनाज़े में समय पर पहुँचना मुमकिन होगा।


✍🏻 सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार से पंजीकृत, देश की राजधानी दिल्ली से प्रकाशित, पैदायशी इंजीनियर – मुस्लिम मुल्तानी लोहार, बढ़ई बिरादरी को समर्पित देश की एकमात्र पत्रिका “मुल्तानी समाज” के लिए ज़मीर आलम की खास रिपोर्ट

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Saturday, September 20, 2025

🌹 बिरादरी की अज़ीम हस्ती का इंतेकाल 🌹मरहूम इरशाद भारती साहब की यादें रह जाएंगी हमेशा ज़िंदा

निहायत ही अफसोस और रंजो-ग़म के साथ आप तमाम मुस्लिम मुल्तानी लोहार बिरादराने हज़ारात तक यह इत्तिला पहुंचाई जा रही है कि हमारी बिरादरी की एक नामवर और मयार रखने वाली हस्ती जनाब इरशाद भारती साहब वल्द जनाब अजीज भारती साहब का इंतकाल हो गया। वह तकरीबन 80 बरस की उम्र में आज सुबह करीब 7 बजे इस फानी दुनिया को अलविदा कह गए।

मरहूम का असल वतन छपरौली, बड़ौत, जिला बागपत (उत्तर प्रदेश) था और हाल मुक़ामात वह गांव सरूरपुर, जिला बागपत में रह रहे थे। उनकी ज़िन्दगी बिरादरी और अपने घराने के लिए हमेशा मोहब्बत, रहनुमाई और खिदमत से भरी रही।

मरहूम के तीन बेटे हुए जिनमें से एक बेटे का पहले ही इंतकाल हो चुका था। फिलहाल दो बेटे — जनाब नईम भारती और जनाब नफीस भारती — ज़िंदा हैं। बेटियों में शबाना, रिहाना और ग़ज़ाला शामिल हैं, जो अपने वालिद के लिए सब्र-ए-जमील की दुआ कर रही हैं।

खबर लिखे जाने तक मरहूम के दफीना बाद नमाज़ असर किया जाएगा  सुपुर्द-ए-ख़ाक लिहाजा आप भी जनाजे में शरीक होकर सवाबे दारेन हासिल करें।


मरहूम इरशाद भारती साहब की शख्सियत

मरहूम इरशाद भारती साहब निहायत ही खुश-मिज़ाज, मिलनसार और बिरादरी के दर्द को समझने वाले इंसान थे। उन्होंने हमेशा लोगों को जोड़ने और रिश्तों को निभाने को तरजीह दी। अपने इलाके में वह बुज़ुर्गों के तौर पर इज़्ज़त और अदब की निगाह से देखे जाते थे। बिरादरी की खुशी और ग़मी में उनकी शिरकत ने उन्हें सबके दिलों के क़रीब कर दिया था। उनकी सादगी, नेक-ख़ुलूस और रहनुमाई आने वाली नस्लों के लिए हमेशा यादगार रहेगी।


मग़फिरत और जन्नत की दुआ

हम सब मिलकर रब्बे करीम से दुआगो हैं कि अल्लाह तआला मरहूम इरशाद भारती साहब की मग़फिरत फरमाए, उनके सारे गुनाह माफ़ करे, क़ब्र को नूर से रोशन फरमाए और उन्हें जन्नतुल फिरदौस में आला मुक़ाम अता फरमाए।

साथ ही अल्लाह तआला उनके तमाम अहल-ए-ख़ाना को सब्र-ए-जमील और हिम्मत अता फरमाए, ताकि वह इस ग़म को सहने की ताक़त पा सकें। बिरादरी दुआ करती है कि अल्लाह इस घराने पर अपना ख़ास फ़ज़ल और रहमत नाज़िल फरमाता रहे।


कुरआनी तसल्लीनुमा आयत

“कुल्लु नफ़्सिन् ज़ाइक़तुल मौत”
(हर जान को मौत का मज़ा चखना है – सूरह आले-इमरान 3:185)

यह आयत हमें याद दिलाती है कि ज़िन्दगी फ़ानी है और असल ज़िन्दगी आख़िरत की है। मरहूम की रूह को अल्लाह अपने करम से जन्नत में जगह अता फरमाए।


अपील

“मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका की तमाम बिरादराने इस्लाम से गुज़ारिश है कि आप हज़ारात ज़्यादा से ज़्यादा तादाद में मरहूम के जनाज़े में शरीक होकर सवाब-ए-दारेन हासिल करें और इस ग़मगीन घड़ी में अहल-ए-ख़ाना को तस्सली दें। बिरादरी की मौजूदगी न सिर्फ़ घरवालों के लिए हिम्मत का सबब बनेगी बल्कि मरहूम के हक़ में दुआएं भी उनके लिए आख़िरत का सादिक़ तोहफ़ा साबित होंगी।


एक ज़रूरी ऐलान

अक्सर यह देखा गया है कि किसी अज़ीज़ के इंतकाल की खबर अधूरी या देर से पहुंचने की वजह से बिरादरी के लोग जनाज़े में शरीक नहीं हो पाते और सवाब से महरूम रह जाते हैं। इसी कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से खास गुज़ारिश करती है कि जब भी किसी के इंतकाल की खबर भेजें, तो इन बातों का ज़रूर ख़्याल रखें:

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का पूरा नाम और उनकी वल्दियत या शौहर का नाम।
2️⃣ मुकम्मल पता (असली और हाल का)।
3️⃣ दफीने का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।
4️⃣ घर के जिम्मेदार अफराद (एक-दो) के फ़ोन नंबर।
5️⃣ अगर मर्द का इंतकाल हुआ है तो मरहूम की तस्वीर।
6️⃣ इंतकाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)।
7️⃣ घर के बाक़ी अहल-ए-ख़ाना के नाम (भाई, बहन, औलाद वग़ैरह)।

इन जानकारियों से खबर मुकम्मल होगी और बिरादरी के अफराद तक सही-सही जानकारी पहुंच पाएगी, जिससे जनाज़े में शरीक होने में आसानी होगी।


सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पंजीकृत,
देश की राजधानी दिल्ली से प्रकाशित,
पैदायशी इंजीनियर और मुस्लिम मुल्तानी लोहार, बढ़ई बिरादरी को समर्पित
देश की एकमात्र राष्ट्रीय पत्रिका — “मुल्तानी समाज” के लिए
ज़मीर आलम की खास रिपोर्ट

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निहायत ही अफसोसनाक इत्तिला – एक ग़मगीन पल बिरादरी के नाम

ज़िन्दगी और मौत अल्लाह की तरफ़ से तय की हुई हक़ीक़त है। इंसान लाख कोशिश कर ले मगर मौत का वक़्त और उसका अंदाज़ सिर्फ़ ख़ालिक़ की मर्ज़ी से तय होता है। आज हमारी बिरादरी एक ऐसी ही ग़मगीन ख़बर से रूबरू है।

निहायत ही अफसोस और रंज ओ ग़म के साथ तमाम मुस्लिम मुल्तानी लोहार-बढ़ई बिरादरान को यह इत्तिला दी जाती है कि मोहल्ला मुस्तफाबाद, लोनी, ज़िला ग़ाज़ियाबाद में चाँद व तारा मस्जिद के पास रहने वाले अब्दुल शकूर साहब (बिराल वाले) की अहलिया मरहूमा रेहाना बी उम्र तक़रीबन 52 साल, का इंतिक़ाल कल शनिचर 20 सितंबर 2025 की शाम मगरिब की नमाज़ के बाद हो गया।

अल्लाह की ऐसी ही मर्ज़ी थी।
إنا لله وإنا إليه راجعون

मरहूमा रेहाना बी लंबे अरसे से बिमार थीं। उनकी रुख़्सती ने पूरे घराने को ग़मगीन कर दिया है और बिरादरी को भी सदमे में डाल दिया है।

मिली जानकारी के मुताबिक, आज इतवार 21 सितंबर 2025 की सुबह साढ़े आठ बजे मय्यत को पास के ही कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-ख़ाक किया जाएगा। तमाम हज़रात से गुज़ारिश है कि जनाज़े में शरीक होकर सवाबे दारेन हासिल करें और मरहूमा की मग़फ़िरत के लिए दुआ करें।


एक ज़रूरी ऐलान – इंतिक़ाल की खबर भेजने की हिदायतें

अक्सर यह देखा गया है कि किसी अज़ीज़ के इंतिक़ाल की खबर बिरादरी तक देर से पहुँचती है या अधूरी रहती है, जिसकी वजह से लोग जनाज़े तक नहीं पहुँच पाते। इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने-इस्लाम से गुज़ारिश करती है कि जब भी किसी का इंतिक़ाल हो, खबर भेजते वक़्त इन बातों का ख़ास ख़्याल रखें:

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का नाम और उनकी वल्दियत या शौहर का नाम।
2️⃣ पूरा पता (कहाँ के रहने वाले थे और इस वक़्त कहाँ रह रहे थे)।
3️⃣ दफ़ीने का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।
4️⃣ घर के जिम्मेदार शख़्स (एक-दो) के फ़ोन नंबर।
5️⃣ अगर मर्द का इंतिक़ाल हुआ है तो मरहूम की तस्वीर भी शामिल करें।
6️⃣ इंतिक़ाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)।
7️⃣ घर के बाक़ी अहल-ए-ख़ाना के नाम – जैसे भाई, बहन, माँ-बाप, औलाद वग़ैरह।

👉 इन तमाम जानकारियों से खबर मुकम्मल होगी और बिरादरी को सही-सही जानकारी मिलने में आसानी होगी।


“मुल्तानी समाज” का तआरुफ़

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पंजीकृत
देश की राजधानी दिल्ली से प्रकाशित, पैदायशी इंजीनियर मुस्लिम मुल्तानी लोहार-बढ़ई बिरादरी को समर्पित देश की एकमात्र पत्रिका “मुल्तानी समाज” हर मौके पर अपनी बिरादरी के साथ खड़ी है और सही वक़्त पर सही जानकारी पहुँचाने की कोशिश करती है।

✍️ अलीहसन मुल्तानी की ख़ास रिपोर्ट
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मुल्तानी समाज में दो नायाब हीरों का इंतकाल – बिरादरी में गहरा शोक

निहायत ही अफ़सोस और गहरे रंज-ओ-ग़म के साथ यह सूचना आप सभी बिरादराना हजरात तक पहुंचा रहे हैं कि आज, दिन शनिचर, 20 सितंबर 2025, मुस्लिम मुल्तानी लोहार-बढ़ई बिरादरी के दो अनमोल सदस्य हमें छोड़कर हमेशा के लिए इस फ़ानी दुनियां से विदा हो गए।

इनमें से एक की खबर सुबह ही बिरादरी तक पहुँच चुकी थी। आज हमें यह भी दुखद सूचना मिली कि जनाब अख्तर साहब, उम्र लगभग 70 वर्ष, वल्द अजीजू साहब, जिन्होंने नयाजुपुरा, मुजफ्फरनगर शहर में निवास किया, का इंतकाल हो गया।

मरहूम अपने पीछे अपने चार बेटे – मोहम्मद भूरा, मोहम्मद असगर, मोहम्मद अकबर और अमीर आज़म – पौते-पोतियां और पूरे कुनबे को रोते-बिलखते छोड़कर हमेशा-हमेशा के लिए अलविदा कह गए। इस दुखद घड़ी में बिरादरी और परिवार का हृदय टूट गया है।

अल्लाह ताला से दुआ है कि वह मरहूम की आत्मा को अपनी रहमत में जगह दें और उनके परिवार, रिश्तेदार और पूरी बिरादरी को इस कठिन समय में सबर और हिम्मत अता फरमाए। आमीन।

मय्यत का सुपुर्दे ख़ाक कल, दिन इतवार, 21 सितंबर 2025, सुबह 9 बजे किया जाएगा।

मय्यत और दफन की जानकारी

मय्यत से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप मोहम्मद रिज़वान साहब (पूर्व वार्ड सभासद) से संपर्क कर सकते हैं। उनका मोबाइल नंबर है: 9045737996


इंतकाल की खबर भेजते समय महत्वपूर्ण हिदायतें

अक्सर किसी अज़ीज़ के इंतकाल की खबर बिरादरी तक देर से पहुँचती है या अधूरी जानकारी होने की वजह से लोग जनाज़े में शरीक नहीं हो पाते। इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से विनम्र गुज़ारिश करती है कि जब भी किसी के इंतकाल की खबर भेजें, तो निम्न बातों का ख़ास ख्याल रखें:

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का नाम और उनकी वल्दियत या शौहर का नाम।
2️⃣ पूरा पता – कहां के रहने वाले थे और फिलहाल कहां रह रहे थे।
3️⃣ दफन का सही समय और कब्रिस्तान का नाम।
4️⃣ घर के जिम्मेदार व्यक्ति का फ़ोन नंबर (एक या दो)।
5️⃣ अगर पुरुष का इंतकाल हुआ है तो मरहूम का फोटो।
6️⃣ इंतकाल की वजह (यदि बताना मुनासिब हो)।
7️⃣ घर के बाकी अहल-ए-ख़ाना के नाम – भाई, बहन, माता-पिता, औलाद आदि।

इन सभी जानकारियों से खबर मुकम्मल होगी और बिरादरी के लोगों को सही-सही जानकारी मिलने में आसानी होगी।


सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पंजीकृत, देश की राजधानी दिल्ली से प्रकाशित, पैदायशी इंजीनियर मुस्लिम मुल्तानी लोहार-बढ़ई बिरादरी को समर्पित देश की एकमात्र पत्रिका “मुल्तानी समाज” के लिए यह विशेष रिपोर्ट ज़मीर आलम द्वारा तैयार की गई है।

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Friday, September 19, 2025

🌹 बिरादरी का चमकता सितारा बुझा – हाजी इमामुद्दीन साहब का इंतकाल 🌹

निहायत ही रंज और ग़म के साथ यह इत्तला दी जाती है कि मुस्लिम मुल्तानी लोहार-बढ़ई बिरादरी की जानी-मानी और नामचीन हस्ती हाजी इमामुद्दीन साहब वल्द मरहूम जनाब बुन्दु हसन साहब (बिजरोल वाले) आज दिन शनिवार, 20 सितंबर 2025 को सुबह 10:30 बजे इस फ़ानी दुनिया से रुख़्सत हो गए। मरहूम की उम्र तक़रीबन 100 साल थी।

इंसाफ़ की मिसाल – मोहब्बत का पैग़ाम

हाजी साहब सिर्फ़ एक बुज़ुर्ग नहीं बल्कि बिरादरी के लिए इंसाफ़ और अमन का दरख़्त थे।
कोर्ट–कचहरी से बचाने वाले, घरों-परिवारों और आपसी झगड़ों को मसलेहती सुलह से निपटाने वाले।
उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में उनकी हर बात को आख़िरी फ़ैसला माना जाता था।

बिरादरी का गहरा नुकसान

इतनी बड़ी शख़्सियत का इंतकाल मुस्लिम मुल्तानी समाज के लिए एक बहुत बड़ा सदमा है, जिसकी भरपाई मुमकिन नहीं।

मरहूम का परिवार

  • एक बेटे मोहम्मद इस्लाम साहब का पहले इंतकाल हो चुका है।
  • पीछे तीन बेटे (मोहम्मद यासीन, मोहम्मद यामीन और एक और बेटा)
  • पोते–पोतियां और पूरा कुनबा
    मातमज़दा है।

दफ़ीन की जानकारी

दफीना का वक्त असर की नमाज़ का है और फूस वाली मस्जिद में नमाज ए जनाजा होगी उसके बाद गोरे ग़रीबा कब्रिस्तान नियर हीरोज स्कूल बड़का रोड़ कस्बा बड़ौत, जिला बागपत, उत्तर प्रदेश में किए जाएंगे सुपुर्दे ख़ाक 
अंतिम जानकारी मरहूम के दामाद जनाब सलीम साहब (इदरीशपुर वाले) से मोबाइल नंबर 8755886331 पर हासिल की जा सकती है।


🕊️ अल्लाह तआला हाजी इमामुद्दीन साहब की मग़फ़िरत फरमाए, जन्नत-उल-फ़िरदौस में आला मुक़ाम अता करे और लवाहिकीन को सब्र-ए-जमील बख़्शे।
आमीन

एक ज़रूरी ऐलान – इंतेकाल की खबर भेजने के लिये अहम् हिदायतें

अक्सर ऐसा होता है कि किसी अज़ीज़ के इंतकाल की खबर बिरादरी तक देर से पहुंचती है या अधूरी जानकारी होने की वजह से लोग जनाज़े तक नहीं पहुँच पाते। इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से गुज़ारिश करती है कि जब भी किसी के इंतकाल की खबर भेजें तो इन बातों का ख़ास ख्याल रखें:


1️⃣ मरहूम/मरहूमा का नाम और उनकी वल्दियत या शौहर का नाम।

2️⃣ पूरा पता (कहां के रहने वाले थे और फिलहाल कहां रह रहे थे)।

3️⃣ दफीने का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।

4️⃣ घर के जिम्मेदार शख्स (एक-दो) के फ़ोन नंबर।

5️⃣ अगर मर्द का इंतकाल हुआ है तो मरहूम का फोटो भी शामिल करें।

6️⃣ इंतकाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)।

7️⃣ घर के बाक़ी अहल-ए-ख़ाना के नाम – जैसे भाई, बहन, माँ-बाप, औलाद वगैरह।


👉 इन तमाम जानकारियों से खबर मुकम्मल होगी और बिरादरी के लोगों को सही-सही जानकारी मिलने से आसानी होगी।


✍️ ख़ास रिपोर्ट – अली हसन मुल्तानी 
“मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका
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Thursday, September 18, 2025

इंतेकाल की खबर – रोशन जहां (अहलिया जनाब नौशाद साहब, बरवाला वाले)

“इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलैहि राजिऊन”

अहले मुस्लिम मुल्तानी, लोहार और बढ़ई बिरादरी को निहायत ही अफ़सोस और ग़म के साथ इत्तला दी जाती है कि आज दिन जुमेरात, 18 सितंबर 2025 को तक़रीबन सुबह साढ़े 11 बजे मरहूमा रोशन जहां उम्र तक़रीबन 47 साल, अहलिया जनाब नौशाद साहब (बरवाला वाले) का इंतकाल हो गया।

मरहूमा काफी अरसे से बीमारी में मुब्तिला थीं। इनका मायका गाँव बावली है और ये डॉक्टर शमशाद साहब (बावली वाले) की बहन थीं। हाल बाशिंदे बड़ौत, जिला बागपत (उत्तर प्रदेश) में रह रही थीं।

मिली जानकारी के मुताबिक, मरहूमा की मय्यत को गांव बावली बिजली घर के पास वाले कब्रिस्तान में नमाज़-ए-मग़रिब के बाद सुपुर्द-ए-ख़ाक किया जाएगा।

तमाम अहले बिरादरी से गुज़ारिश है कि जनाज़े में शिरकत फरमाकर सवाब-ए-दारेन हासिल करें।

दुआ:
अल्लाह तआला मरहूमा की मग़फिरत फरमाए, उनके गुनाह माफ़ फरमाए और जन्नत-उल-फ़िरदौस में आला मक़ाम अता फरमाए। उनके अहल-ए-ख़ाना को सब्र-ए-जमील अता करे। आमीन सुम्मा आमीन।

मय्यत के बारे में तफ़सीली मालूमात के लिए मरहूमा के भाई डॉक्टर शमशाद साहब से मोबाइल नंबर – 9058647438 पर संपर्क किया जा सकता है।


ज़रूरी ऐलान – इंतेकाल की खबर भेजने की अहम् हिदायतें

अक्सर ऐसा होता है कि किसी अज़ीज़ के इंतकाल की खबर देर से या अधूरी जानकारी के साथ बिरादरी तक पहुँचती है, जिसकी वजह से लोग जनाज़े तक नहीं पहुँच पाते। इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से गुज़ारिश करती है कि जब भी किसी के इंतकाल की खबर भेजें तो इन बातों का ख़ास ख्याल रखें:

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का नाम और उनकी वल्दियत या शौहर का नाम।
2️⃣ पूरा पता (कहां के रहने वाले थे और फिलहाल कहां रह रहे थे)।
3️⃣ दफीने का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।
4️⃣ घर के जिम्मेदार शख्स (एक-दो) के फ़ोन नंबर।
5️⃣ अगर मर्द का इंतकाल हुआ है तो मरहूम का फोटो भी शामिल करें।
6️⃣ इंतकाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)।
7️⃣ घर के बाक़ी अहल-ए-ख़ाना के नाम – जैसे भाई, बहन, माँ-बाप, औलाद वगैरह।

👉 इन तमाम मालूमात से खबर मुकम्मल होगी और बिरादरी को सही-सही जानकारी मिलने से आसानी होगी।


सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पंजीकृत, देश की राजधानी दिल्ली से प्रकाशित, पैदायशी इंजीनियर मुस्लिम मुल्तानी लोहार-बढ़ई बिरादरी को समर्पित देश की एकमात्र पत्रिका “मुल्तानी समाज” के लिए
बड़ौत, जिला बागपत (उ.प्र.) से अलीहसन मुल्तानी की खास रिपोर्ट।

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Wednesday, September 17, 2025

इंतेकाल की खबरें: बिरादरी से तीन अफ़राद के बिछड़ने की अफसोसनाक इत्तिला

इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलैहि राजी'उन

आज मुल्तानी लोहार, बढ़ई बिरादरी के लिए अफसोस और ग़म का दिन है। बिरादरी से जुड़ी तीन अलग-अलग जगहों से इंतिक़ाल की खबरें मिली हैं, जिन्होंने दिलों को उदास कर दिया।


1️⃣ पहली खबर (दिल्ली)

मरहूम बहादुर गढ़िया रफीक साहब के पोते, सलीम साहब के बेटे का इंतिक़ाल हो गया।
अल्लाह तआला उनकी मग़फिरत फ़रमाए। मरहूम की तदफ़ीन आज जोहर के वक्त हरी एनक्लेव, सुल्तानपुरी (पश्चिमी नांगलोई से आगे, प्रेम नगर लकड़ी मार्केट, दिल्ली) में होगी।


2️⃣ दूसरी खबर (बड़ौत, ज़िला बागपत)

गहरे अफ़सोस के साथ कहा जाता है कि जनाब शौकीन भाई साहब (मुक़ीम  डूडी खेड़ा) का इंतिक़ाल हो गया।
बिरादरी इस ग़म में उनके अहल-ए-ख़ाना के साथ है और मरहूम के लिए दुआगो है।


3️⃣ तीसरी खबर (देवबंद, ज़िला सहारनपुर)

आज सुबह एक और अफसोसनाक इत्तिला मिली। जनाब शफीक साहब वल्द मरहूम हाफ़िज अतीउल्लाह साहब (मुक़ाम देवबंद, सहारनपुर) उम्र 72 साल का इंतिक़ाल दिल्ली में इलाज के दौरान तकरीबन सवा 12 बजे हो गया।
मरहूम की तदफ़ीन आज बाद नमाज़ ईशा वक्त साढ़े 9 बजे घर के पास के ही कब्रिस्तान में होगी। अहल-ए-बिरादरी से गुज़ारिश है कि जनाज़े में शिरकत करके सवाब-ए-दारेन हासिल करें।
मरहूम के पांच भाई हैं और उनके खानदान में लगभग पांच हाफ़िज-ए-क़ुरआन हैं। दो बेटों की शादी गुड़गांव शकील साहब के यहां हुई है।

मरहूम अपने पीछे अपनी अहलिया हाजरा बी  ( मायका कैराना) सहित 4 बेटे मोहम्मद फरीद साहब, मोहम्मद फ़हीम साहब, मोहम्मद कासिफ साहब, मोहम्मद आतिक साहब सहित पूरे कुनबे खानदान और रिश्तेदारों को रोता बिलखता छोड़कर इस फ़ानी दुनियां से हमेशा हमेशा के लिए विदा हो गए है।




एक ज़रूरी ऐलान – इंतेकाल की खबर भेजने की हिदायतें

अक्सर ऐसा होता है कि किसी अज़ीज़ के इंतिक़ाल की खबर देर से या अधूरी मिलती है, जिसकी वजह से लोग जनाज़े में शामिल नहीं हो पाते। इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से गुज़ारिश करती है कि जब भी इंतेकाल की खबर भेजें तो इन बातों का ख़ास ख्याल रखें:

  1. मरहूम/मरहूमा का नाम और वल्दियत या शौहर का नाम।
  2. पूरा पता (कहां के रहने वाले थे और फिलहाल कहां रह रहे थे)।
  3. दफ़ीने का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।
  4. घर के ज़िम्मेदार शख़्स का फ़ोन नंबर।
  5. अगर मर्द का इंतिक़ाल हुआ है तो मरहूम का फोटो भी शामिल करें।
  6. इंतिक़ाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)।
  7. अहल-ए-ख़ाना के नाम – भाई, बहन, माँ-बाप, औलाद वगैरह।

👉 इससे खबर मुकम्मल होगी और बिरादरी को सही-सही जानकारी मिल सकेगी।


नोट

इंतेकाल की पहली और दूसरी खबर वायरल करने वालों से हमारी टीम ने राब्ता करने की पूरी कोशिश की, लेकिन कॉल रिसीव न होने की वजह से अधूरी जानकारी ही आप तक पहुंचाई जा सकी। इसके लिए “मुल्तानी समाज” न्यूज़ को अफसोस है।


मुल्तानी समाज की ओर से दुआ

अल्लाह तआला मरहूमीन की मग़फिरत फ़रमाए, उनके क़ब्र को नूर से भर दे और अहल-ए-ख़ाना को सब्र-ए-जमील अता करे।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पंजीकृत, राजधानी दिल्ली से प्रकाशित बिरादरी की एकमात्र राष्ट्रीय पत्रिका “मुल्तानी समाज” के लिए जनाब अब्दुल खालिक की ख़ास रिपोर्ट।

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Tuesday, September 16, 2025

💐 *🌹इत्तिला तारीख-ए-निकाह🌹*तमाम बिरादराने अहले मुलतानी लोहारान अस्सलामू अलयकुम व रहमतुल्लाही व बरकातहू*

💐🌺 मोका खुशी का आया है तशरीफ लाइए 🌺💐मेरे गरीब खाने कि रोनक बढ़ाइए🌹


  💐💐💐💐💐💐
अल्लाह के फ़ज़्लो करम से , हुजूर ए अकरम मुहम्मद मुस्तफाﷺ  के सदक़े तुफैल ,पंजतन पाक, गौस ओ ख़्वाजा ओर हमारे पीरो मुर्शिद की दुआओं के सदक़े इंतहाई खुशी के साथ यह तहरीर की जाती है की हमारे बड़े भाई **मरहूम हाजी अब्दुल सत्तार भट्टी* की पोती *आबिद हुसैन भट्टी* की नेक दुखतर की शादी खाना आबादी हस्बे जेल प्रोग्राम के मुताबिक मुकर्रर होना तेह पाई है
        इंशाअल्लाह

💫नूरे नजर

🌹 *फरीन बानो* 🌹

बिन्ते: आबिद हुसैन भट्टी (भीलवाड़ा)

        💐 *हमराह* 💐

💫 नूरे ऐन

🌹  *तसद्दूक हुसैन* 🌹

इब्ने:  अब्दुल समद साहब पूँवार अजमेर वाले(उदयपुर)

    💐 *निकाह ख्वानी* 💐
*30 दिसम्बर 2025 मुताबिक 09रजब हिजरी 1447 बरोज  मंगलवार बाद नमाजे असर इंशाल्लाह*

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷
लिहाजा आप सभी से मुअददबाना पुरखुलस गुजारिश है कि इस तकरीबे निकाह में शिरकत फरमाकर जश्ने शादी की रौनक बढ़ाएं और दूल्हा व दुल्हन को अपनी नेक दुआओं से नवाजे।

💐 *आद्दईयान*💐
**नूर मोहम्मद भट्टी,वल्द मरहूम अब्दुल रहमान भट्टी (भीलवाड़ा) अब्दुल समद, अब्दुल सलाम, मोहम्मद सलीम, मोहम्मद शकील, अब्दुल रशीद भट्टी वल्द मरहूम( बाबू )अब्दुल करीम भट्टी(इंदौर)

🪷 *अलमुकलाफिन*🪷
साबिर हुसैन, जाकिर हुसैन, सादिक हुसैन, अल्ताफ हुसैन, अब्दुल रऊफ,*आबिद हुसैन*,अबुल हसन, अब्दुल वहीद,मोहम्मद रफ़ीक़, मोहम्मद शाहिद, अशफाक हुसैन,वाहिद नूर, मोहम्मद आरिफ, मोहम्मद इरफ़ान,मोहम्मद इरफ़ान, जमील अहमद, मोहम्मद नूर अहले भट्टी खानदान

🌹 *चश्में बराह* 🌹
आसिफ हुसैन, आदिल हुसैन, हाफिज मोहम्मद, आरिफ *मोहम्मद फरहान*, शाकिर हुसैन, मोहम्मद रेहान, मोहम्मद अमान,मोहम्मद अयान, मोहम्मद   समीर, मोहम्मद शाबान,मोहम्मद हस्सान अहले जुमला भट्टी खानदान...... 🌹🌹🌹🌹🌹

नूर मोहम्मद भट्टी
9571727373    
साबिर हुसैन भट्टी
9636514750
जाकिर हुसैन भट्टी
9413271530  
*आबिद हुसैन भट्टी*
9828556337
शाहिद हुसैन भट्टी
9079092833

        🌹मुकाम:-🌹
*पोलोटेक्निक कॉलेज कम्युनिटी हॉल तिलक नगर भीलवाड़ा (राजस्थान)*  

🌹पता:- आबिद हुसैन मुल्तानी
मदीना कॉलोनी के सामने भवानी नगर भीलवाड़ा (राजस्थान)🌹

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सहारनपुर की मारूफ शख्सियत जनाब सुल्तान साहब का इंतकाल

आज शाम 5:15 बजे अत्ताउल्लाह मस्जिद में नमाज़-ए-जनाज़ा, तद्फ़ीन दबनी वाला कब्रिस्तान में होगी


बेइंतहा अफसोस और गहरे रंजो-ग़म के साथ यह खबर दी जा रही है कि सहारनपुर की मारूफ और नफीस शख़्सियत, जनाब सुल्तान साहब वल्द मरहूम जनाब इसहाक साहब (कानपुर वाले), आज दिन मंगल, 16 सितम्बर 2025 को दिल्ली एम्स हॉस्पिटल में इलाज के दौरान इस फानी दुनिया से रुख़्सत कर गए।

मरहूम का मकान इस्लामिया डिग्री कॉलेज, सहारनपुर के पास है। नमाज़-ए-जनाज़ा आज शाम 5:15 बजे अत्ताउल्लाह मस्जिद में अदा की जाएगी और तद्फ़ीन दबनी वाला कब्रिस्तान, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश में होगी।


मरहूम की यादें और शख्सियत

सुल्तान साहब का नाम सुनते ही मोहब्बत, सादगी और इंसानियत का ख्याल दिलों में ताज़ा हो जाता है। वह एक ऐसे शख़्स थे, जिन्होंने अपनी ज़िंदगी मोहब्बत और खिदमत में गुज़ारी। बिरादरी से गहरा ताल्लुक रखना, दोस्तों-अहबाब के दुख-दर्द में शामिल होना और जरूरतमंदों की मदद करना उनकी शख्सियत की पहचान थी।

बुजुर्ग उनकी इज्ज़त करते थे, हमउम्र उनकी सलाह को अहमियत देते थे और नौजवान उन्हें रहबर मानते थे। मोहल्ले और बिरादरी के लोग कहते हैं कि “सुल्तान साहब जैसे लोग रोज़-रोज़ पैदा नहीं होते, उनका जाना हमारी बड़ी कमी है।”

उनके इंतकाल ने न सिर्फ़ सहारनपुर बल्कि दूर-दराज़ के लोगों को भी मायूस और ग़मगीन कर दिया है।

इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलैहि राजिऊन
“ऐ अल्लाह! मरहूम की मग़फिरत फरमा, उनकी कब्र को नूर से भर दे, जन्नत-उल-फ़िरदौस में आला मक़ाम अता फरमा और अहल-ए-ख़ाना को सब्र-ए-जमील अता फरमा।”


एक ज़रूरी गुज़ारिश

अक्सर ऐसा होता है कि इंतकाल की खबर अधूरी या देर से पहुँचती है, जिससे लोग जनाज़े में शरीक नहीं हो पाते। इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने-इस्लाम से गुज़ारिश करती है कि जब भी किसी के इंतकाल की खबर भेजें तो इन बातों का ख़ास ख्याल रखें:

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का पूरा नाम और उनकी वल्दियत/शौहर का नाम।
2️⃣ पूरा पता (कहां के रहने वाले थे और फिलहाल कहां रह रहे थे)।
3️⃣ दफीने का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।
4️⃣ घर के जिम्मेदार शख्स (एक-दो) के फ़ोन नंबर।
5️⃣ अगर मर्द का इंतकाल हुआ है तो मरहूम का फोटो भी शामिल करें।
6️⃣ इंतकाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)।
7️⃣ घर के बाक़ी अहल-ए-ख़ाना के नाम – भाई, बहन, माँ-बाप, औलाद आदि।

इन तमाम जानकारियों से खबर मुकम्मल होगी और बिरादरी को सही-सही जानकारी हासिल होगी।

मरहूम सुल्तान साहब के बारे में और जानकारी के लिए उनके भतीजे जनाब मोहम्मद हमज़ा साहब से इस नंबर पर संपर्क करें: 8218938915


📌 खास रिपोर्ट: अब्दुल खालिक, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश
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Monday, September 15, 2025

गमगीन खबर – गांव कोताना में 23 वर्षीय शब्बो बी का इंतकाल

निहायत ही रंज व ग़म के साथ सूचित किया जाता है कि गांव कोताना, तहसील बड़ौत, जिला बागपत निवासी मोहम्मद आमिर की अहलिया शब्बो बी (उम्र मात्र 23 साल) का आज दिन सोमवार, 15 सितम्बर 2025 को अचानक हार्ट अटैक से इंतकाल हो गया। मरहूमा कुछ महीनों से दिल की बीमारी में मुब्तिला थीं और मेरठ के अस्पताल में ऑपरेशन भी हुआ था। तबीयत बिगड़ने पर दोबारा अस्पताल ले जाया गया जहां असर और मगरिब के बीच उन्होंने दम तोड़ दिया।

मय्यत का दफीन कल दिन मंगलवार, 16 सितम्बर 2025 सुबह 10 बजे, गांव कोताना कब्रिस्तान में किया जाएगा। तमाम बिरादराने इस्लाम से दरख्वास्त है कि जनाजे में शरीक होकर सवाबे दारेन हासिल करें।

🕋 दुआ :
अल्लाह तआला मरहूमा की मग़फ़िरत फरमाए, उनकी कब्र को रोशन फरमाए, जन्नतुल-फिरदौस में आला मुकाम अता फरमाए और घर वालों को सब्र ए जमील बख्शे। आमीन या रब्बुल आलमीन।


एक ज़रूरी ऐलान – इंतेकाल की खबर भेजने के लिये अहम् हिदायतें

अक्सर ऐसा होता है कि किसी अज़ीज़ के इंतकाल की खबर बिरादरी तक देर से पहुंचती है या अधूरी जानकारी होने की वजह से लोग जनाज़े तक नहीं पहुँच पाते। इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से गुज़ारिश करती है कि जब भी किसी के इंतकाल की खबर भेजें तो इन बातों का ख़ास ख्याल रखें:

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का नाम और उनकी वल्दियत या शौहर का नाम।
2️⃣ पूरा पता (कहां के रहने वाले थे और फिलहाल कहां रह रहे थे)।
3️⃣ दफीने का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।
4️⃣ घर के जिम्मेदार शख्स (एक-दो) के फ़ोन नंबर।
5️⃣ अगर मर्द का इंतकाल हुआ है तो मरहूम का फोटो भी शामिल करें।
6️⃣ इंतकाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)।
7️⃣ घर के बाक़ी अहल-ए-ख़ाना के नाम – जैसे भाई, बहन, माँ-बाप, औलाद वगैरह।

👉 इन तमाम जानकारियों से खबर मुकम्मल होगी और बिरादरी के लोगों को सही-सही जानकारी मिलने से आसानी होगी।


📌 सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पंजीकृत, देश की राजधानी दिल्ली से प्रकाशित, पैदायशी इंजीनियर मुस्लिम मुल्तानी लोहार, बढ़ई बिरादरी को समर्पित देश की एकमात्र पत्रिका "मुल्तानी समाज" के लिए ज़मीर आलम की खास रिपोर्ट

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Saturday, September 13, 2025

मोहम्मद अनवर साहब का इंतकाल – बिरादरी के लिए एक बड़ा सदमा


शामली। निहायत ही रंजो-ग़म और भारी दिल के साथ यह इत्तिला दी जाती है कि मोहल्ला खैरादियान शामली के मूल निवासी और हाल मुक़ीम मोहल्ला सलेक विहार शामली, जनाब मोहम्मद अनवर साहब वल्द मरहूम जनाब अब्दुल हमीद साहब का इंतकाल हो गया।

बीती रात शनिचर 13 सितंबर 2025 को तक़रीबन 12 बजे, महज़ 35–36 बरस की उम्र में ही वे इस फ़ानी दुनिया से रुख़सत कर गए।

मोहम्मद अनवर साहब काफ़ी अरसे से एक बड़ी बीमारी में मुब्तिला थे। बिरादरी का कहना है कि उनकी कमसिनी की उम्र में इस तरह दुनिया छोड़ जाना एक ऐसा सदमा है जिसकी भरपाई मुमकिन नहीं।
ग़ौरतलब है कि कुछ ही महीने पहले इनके बड़े भाई, जनाब शकील साहब का भी बीमारी की वजह से इंतकाल हो गया था।

मरहूम के कुल दो भाई और एक बहन थे। भाइयों में से मरहूम शकील साहब का पहले ही इंतकाल हो चुका है, अब जनाब नफ़ीस साहब ही बचे हैं। बहन हयात बेगम का भी काफ़ी अरसे पहले इंतकाल हो चुका था।
मरहूम अनवर साहब अपने पीछे एक भाई नफीस साहब, अहलिया असमा बी, दो बेटे अब्दुल गनी, अबदुल रहमान एक बेटी अमीरा जहां समेत पूरे ख़ानदान को रोता-बिलखता छोड़कर इस दुनिया से हमेशा के लिए रुख़सत कर गए।


सुपुर्द-ए-ख़ाक की जानकारी

मिली जानकारी के मुताबिक मरहूम की मय्यत को आज दिन इतवार, 14 सितंबर 2025 को दोपहर 12 बजे मोहल्ला गुलशन नगर, टायर मार्किट स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-ख़ाक किया जाएगा।
सभी अहबाब और बिरादराने इस्लाम से गुज़ारिश है कि जनाज़े में शिरकत करके सवाबे दारेन हासिल करें।


मरहूम के लिए दुआ

اللَّهُمَّ اغْفِرْ لَهُ وَارْحَمْهُ، وَعَافِهِ وَاعْفُ عَنْهُ، وَأَكْرِمْ نُزُلَهُ، وَوَسِّعْ مُدْخَلَهُ، وَاغْسِلْهُ بِالْمَاءِ وَالثَّلْجِ وَالْبَرَدِ، وَنَقِّهِ مِنَ الْخَطَايَا كَمَا يُنَقَّى الثَّوْبُ الْأَبْيَضُ مِنَ الدَّنَسِ۔

"ए अल्लाह! मरहूम मोहम्मद अनवर साहब की मग़फ़िरत फरमा, उन पर रहमत नाज़िल कर, उनकी ख़ातिर अफ़्वो-दरगुज़र कर, उनके मक़ाम को बुलंद कर, उनकी क़ब्र को रोशन और फ़ैला हुआ बना, उन्हें पानी, बर्फ और ओलों से धो कर पाक साफ़ कर दे, और उनके गुनाहों को ऐसे दूर कर दे जैसे सफेद कपड़े से दाग़ को दूर किया जाता है।"

इल्तिज़ा है तमाम अहबाब और बिरादराने इस्लाम से कि मरहूम की मग़फ़िरत के लिए दुआएँ करें और अल्लाह से यह तलब करें कि उनके अहल-ए-ख़ाना को सब्र-ए-जमील अता फरमाए।


एक ज़रूरी ऐलान – इंतकाल की खबर भेजने के लिये अहम् हिदायतें

अक्सर देखा जाता है कि किसी अज़ीज़ का इंतकाल हो जाने पर खबर बिरादरी तक देर से या अधूरी पहुँचती है, जिसकी वजह से कई लोग जनाज़े में शरीक नहीं हो पाते। इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से गुज़ारिश करती है कि जब भी किसी के इंतकाल की खबर भेजें, तो इन बातों का ख़ास ख्याल रखें:

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का नाम और उनकी वल्दियत या शौहर का नाम।
2️⃣ पूरा पता – कहां के रहने वाले थे और फिलहाल कहां रह रहे थे।
3️⃣ दफ़ीने का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।
4️⃣ घर के जिम्मेदार शख़्स (एक-दो) के फ़ोन नंबर।
5️⃣ अगर मर्द का इंतकाल हुआ है तो मरहूम का फोटो भी शामिल करें।
6️⃣ इंतकाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)।
7️⃣ घर के बाक़ी अहल-ए-ख़ाना के नाम – जैसे भाई, बहन, माँ-बाप, औलाद वग़ैरह।

👉 इन तमाम जानकारियों के साथ खबर मुकम्मल होगी और बिरादरी को सही-सही जानकारी मिलने से आसानी होगी।


🖊️ ख़ास रिपोर्ट: ज़मीर आलम
📰 सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार से पंजीकृत, देश की राजधानी दिल्ली से प्रकाशित, पैदायशी इंजीनियर मुस्लिम मुल्तानी लोहार-बढ़ई बिरादरी को समर्पित देश की एकमात्र पत्रिका "मुल्तानी समाज"

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