Tuesday, September 2, 2025

🌿 मिर्ज़ा बिरादरी की बुलेट ट्रेन : शाहपुर–बुढ़ाना–हरड़ में ऐतिहासिक आग़ाज़

मुजफ्फरनगर ज़िले के शाहपुर, बुढ़ाना और हरड़ इलाक़ों में आज का दिन मिर्ज़ा बिरादरी के लिए किसी उत्सव से कम नहीं रहा। बिरादरी की एकजुटता, मोहब्बत और भाईचारे की मिसाल पेश करते हुए शानदार प्रोग्राम का आयोजन किया गया, जिसमें हाजी यूसुफ़ साहब को विधान सभा बुढ़ाना का सदर और भाई इक़बाल साहब को बुढ़ाना नगर अध्यक्ष बनाए जाने का आग़ाज़ हुआ।

इस मौक़े पर बिरादरी के कई सम्मानित और रौशन चेहरे मौजूद रहे।
सदर उस्मान इंजीनियर साहब, हाजी अलीमुद्दीन साहब, भाई इदरीस साहब, भाई अनीस अहमद साहब, सलाहुद्दीन साहब, खतौली से मोहम्मद अफ़ज़ाल साहब, मोहम्मद मुबीन साहब, मिर्ज़ा आबिद अली एडवोकेट साहब, फलावदा से मिर्ज़ा हसीमुद्दीन हमदम साहब, सरधना से मिर्ज़ा इस्माइल साहब, शाहनवाज़ मिर्ज़ा साहब, डॉक्टर शमीम साहब, भाई जाबिर साहब, मोहम्मद शाहपुर से मोहम्मद राशिद साहब और हाजी खुर्शीद साहब ने अपनी मौजूदगी से महफ़िल को चार चाँद लगाए।

इसके अलावा बुढ़ाना टाउन, मिडकाली, उमरपुर, कल्याणपुर और खरड़ से बड़ी तादाद में मर्द, औरतें और बच्चे शरीक हुए। यह जमावड़ा बिरादरी की एकजुटता और मज़बूत सामाजिक ढाँचे की झलक पेश कर रहा था।

🌸 नई ज़िम्मेदारियाँ, नया उत्साह


इस प्रोग्राम में हाजी यूसुफ़ साहब (खरड़) को विधान सभा बुढ़ाना सदर, भाई इक़बाल साहब को बुढ़ाना टाउन अध्यक्ष, जमील अहमद साहब को खरड़ गाँव, शकील अहमद साहब को उमरपुर गाँव, अमीर हसन साहब को मिडकाली गाँव और राशिद अली साहब को शाहपुर टाउन सदर की ज़िम्मेदारियाँ सौंपी गईं। सभी नए पदाधिकारियों का गर्मजोशी से इस्तक़बाल किया गया।

✨ यह दिन न सिर्फ मिर्ज़ा बिरादरी की राजनीतिक और सामाजिक सक्रियता का प्रतीक रहा, बल्कि आने वाले दिनों के लिए एक मज़बूत दिशा की ओर इशारा भी करता है।

✍️ ख़ास रिपोर्ट : शादाब मिर्ज़ा
📌 "मुल्तानी समाज" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका, मुजफ्फरनगर

मोहतरमा शमा बी का इंतकाल – एक गमगीन ख़बर

निहायत ही अफ़सोस और ग़मगीन माहौल में हम आप तमाम बिरादराना हज़रात को यह इत्तिला देते हैं कि आज दिन मंगल, 2 सितंबर 2025 को मोहल्ला आली, सर सैय्यद स्कूल के पास, सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) की बाशिंदा, मरहूम जनाब उस्मान साहब की अहलिया मोहतरमा शमा बी का अचानक तबीयत खराब होने की वजह से देहरादून से वापसी के दौरान इंतकाल हो गया।

إِنَّا لِلّهِ وَإِنَّا إِلَيْهِ رَاجِعُونَ
(हम सब अल्लाह के हैं और हमें उसी की तरफ़ लौट कर जाना है)।

अल्लाह रब्बुल करीम की यही मर्जी थी। मरहूमा का मायका देवबंद, ज़िला सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) में है। इस वक़्त तक तदफीन का समय मुक़र्रर नहीं हो सका है।

👉 मय्यत से मुताल्लिक़ मालूमात हासिल करने के लिये जनाब अब्दुल खालिक साहब से उनके मोबाईल नंबर 8445150747 पर राब्ता क़ायम किया जा सकता है।


मोहतरमा शमा बी – एक यादगार शख्सियत

मरहूमा शमा बी अपने हुस्न-ए-अख़लाक़, सादगी और मिलनसार मिज़ाज की वजह से पूरे मोहल्ले और बिरादरी में एक अलग पहचान रखती थीं। उनका घराना हमेशा रिश्तेदारों, पड़ोसियों और ज़रूरतमंदों के लिए खुला रहता था।
उन्होंने अपनी ज़िंदगी में हमेशा अपने बच्चों और घर-परिवार की परवरिश को अहमियत दी और औरत के तौर पर अपनी ज़िम्मेदारियों को बख़ूबी निभाया।

उनकी ज़िंदगी का सबसे अहम पहलू यह था कि उन्होंने हर रिश्ते को मोहब्बत और एहतराम के साथ निभाया। यही वजह है कि उनके इंतकाल की खबर सुनकर सिर्फ़ घराना ही नहीं बल्कि पूरा इलाक़ा ग़मगीन है।


मग़फ़िरत की दुआ और अहल-ए-ख़ाना के लिए सब्र

अल्लाह तआला मरहूमा की मग़फ़िरत फ़रमाए, उनके दरजा़त बुलंद करे और उनकी क़ब्र को जन्नतुल फ़िरदौस का बाग़ बनाए।

🌸 मरहूमा के लिए दुआ:

  • या अल्लाह! मोहतरमा शमा बी की नेकियों को क़ुबूल फ़रमा।
  • उनके गुनाहों को माफ़ फ़रमा।
  • उनकी क़ब्र को नूर और रहमत से भर दे।
  • उन्हें अपने प्यारे नबी ﷺ की शफ़ाअत नसीब फ़रमा।

🌸 अहल-ए-ख़ाना के लिए दुआ:

  • या अल्लाह! उनके घरवालों को सब्र-ए-जमील अता कर।
  • इस ग़म को सहने की हिम्मत और हौसला दे।
  • औलाद और घर के हर फर्द को अपनी रहमतों और बरकतों से नवाज़।

🌸 तसल्लीयत का पैग़ाम:
मौत हक़ है और हर ज़िंदा को एक दिन इस सफ़र से गुज़रना है। मरहूमा ने इस फ़ानी दुनिया से रुख़्सत होकर आख़िरत की ओर सफ़र किया है। हमारी दुआ है कि अल्लाह उन्हें अपनी रहमत की छाँव में जगह दे और पीछे रहने वालों को सब्र व हिम्मत बख़्शे।


ज़रूरी ऐलान – इंतेकाल की ख़बर भेजने के लिये हिदायतें

अक्सर देखा गया है कि किसी अज़ीज़ का इंतकाल होने पर खबर देर से या अधूरी जानकारी के साथ बिरादरी तक पहुँचती है, जिसकी वजह से लोग जनाज़े में शरीक नहीं हो पाते। इसी कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से दरख़्वास्त करती है कि जब भी इंतेकाल की खबर भेजें तो इन बातों का ख़ास ख्याल रखें:

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का पूरा नाम और उनकी वल्दियत या शौहर का नाम।
2️⃣ पूरा पता – कहां के रहने वाले थे और फिलहाल कहां रह रहे थे।
3️⃣ दफीने का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।
4️⃣ घर के जिम्मेदार शख्स (एक-दो) के मोबाइल नंबर।
5️⃣ अगर मरहूम शख्स मर्द हैं तो उनकी तस्वीर भी शामिल की जाए।
6️⃣ इंतकाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)।
7️⃣ घर के बाक़ी अहल-ए-ख़ाना के नाम – जैसे माँ-बाप, भाई, बहन, औलाद इत्यादि।

इन तमाम जानकारियों से खबर मुकम्मल होगी और बिरादरी के लोगों तक सही और पूरी जानकारी पहुँचेगी, जिससे सबको आसानी होगी।


📢 “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका की तरफ़ से गुज़ारिश है कि इंतेकाल की खबर भेजते वक़्त इन हिदायतों का ख़ास ख्याल रखें।

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🌐 www.multanisamaj.com | www.msctindia.com
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