Wednesday, September 17, 2025

इंतेकाल की खबरें: बिरादरी से तीन अफ़राद के बिछड़ने की अफसोसनाक इत्तिला

इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलैहि राजी'उन

आज मुल्तानी लोहार, बढ़ई बिरादरी के लिए अफसोस और ग़म का दिन है। बिरादरी से जुड़ी तीन अलग-अलग जगहों से इंतिक़ाल की खबरें मिली हैं, जिन्होंने दिलों को उदास कर दिया।


1️⃣ पहली खबर (दिल्ली)

मरहूम बहादुर गढ़िया रफीक साहब के पोते, सलीम साहब के बेटे का इंतिक़ाल हो गया।
अल्लाह तआला उनकी मग़फिरत फ़रमाए। मरहूम की तदफ़ीन आज जोहर के वक्त हरी एनक्लेव, सुल्तानपुरी (पो. नांगलोई से आगे, प्रेम नगर लकड़ी मार्केट, दिल्ली) में होगी।


2️⃣ दूसरी खबर (बड़ौत, ज़िला बागपत)

गहरे अफ़सोस के साथ कहा जाता है कि जनाब शौकीन भाई साहब (मुक़ीम ढूंढो खेड़ा) का इंतिक़ाल हो गया।
बिरादरी इस ग़म में उनके अहल-ए-ख़ाना के साथ है और मरहूम के लिए दुआगो है।


3️⃣ तीसरी खबर (देवबंद, ज़िला सहारनपुर)

आज सुबह एक और अफसोसनाक इत्तिला मिली। जनाब शफीक साहब वल्द मरहूम हाफ़िज अतीउल्लाह साहब (मुक़ाम देवबंद, सहारनपुर) उम्र 72 साल का इंतिक़ाल दिल्ली में इलाज के दौरान तकरीबन सवा 12 बजे हो गया।
मरहूम की तदफ़ीन आज बाद नमाज़ ईशा वक्त साढ़े 9 बजे घर के पास के ही कब्रिस्तान में होगी। अहल-ए-बिरादरी से गुज़ारिश है कि जनाज़े में शिरकत करके सवाब-ए-दारेन हासिल करें।
मरहूम के पांच भाई हैं और उनके खानदान में लगभग पांच हाफ़िज-ए-क़ुरआन हैं। दो बेटों की शादी गुड़गांव शकील साहब के यहां हुई है।

मरहूम अपने पीछे अपनी अहलिया हाजरा बी  ( मायका कैराना) सहित 4 बेटे मोहम्मद फरीद साहब, मोहम्मद फ़हीम साहब, मोहम्मद कासिफ साहब, मोहम्मद आतिक साहब सहित पूरे कुनबे खानदान और रिश्तेदारों को रोता बिलखता छोड़कर इस फ़ानी दुनियां से हमेशा हमेशा के लिए विदा हो गए है।




एक ज़रूरी ऐलान – इंतेकाल की खबर भेजने की हिदायतें

अक्सर ऐसा होता है कि किसी अज़ीज़ के इंतिक़ाल की खबर देर से या अधूरी मिलती है, जिसकी वजह से लोग जनाज़े में शामिल नहीं हो पाते। इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से गुज़ारिश करती है कि जब भी इंतेकाल की खबर भेजें तो इन बातों का ख़ास ख्याल रखें:

  1. मरहूम/मरहूमा का नाम और वल्दियत या शौहर का नाम।
  2. पूरा पता (कहां के रहने वाले थे और फिलहाल कहां रह रहे थे)।
  3. दफ़ीने का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।
  4. घर के ज़िम्मेदार शख़्स का फ़ोन नंबर।
  5. अगर मर्द का इंतिक़ाल हुआ है तो मरहूम का फोटो भी शामिल करें।
  6. इंतिक़ाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)।
  7. अहल-ए-ख़ाना के नाम – भाई, बहन, माँ-बाप, औलाद वगैरह।

👉 इससे खबर मुकम्मल होगी और बिरादरी को सही-सही जानकारी मिल सकेगी।


नोट

इंतेकाल की पहली और दूसरी खबर वायरल करने वालों से हमारी टीम ने राब्ता करने की पूरी कोशिश की, लेकिन कॉल रिसीव न होने की वजह से अधूरी जानकारी ही आप तक पहुंचाई जा सकी। इसके लिए “मुल्तानी समाज” न्यूज़ को अफसोस है।


मुल्तानी समाज की ओर से दुआ

अल्लाह तआला मरहूमीन की मग़फिरत फ़रमाए, उनके क़ब्र को नूर से भर दे और अहल-ए-ख़ाना को सब्र-ए-जमील अता करे।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पंजीकृत, राजधानी दिल्ली से प्रकाशित बिरादरी की एकमात्र राष्ट्रीय पत्रिका “मुल्तानी समाज” के लिए जनाब अब्दुल खालिक की ख़ास रिपोर्ट।

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