Tuesday, September 16, 2025

सहारनपुर की मारूफ शख्सियत जनाब सुल्तान साहब का इंतकाल

आज शाम 5:15 बजे अत्ताउल्लाह मस्जिद में नमाज़-ए-जनाज़ा, तद्फ़ीन दबनी वाला कब्रिस्तान में होगी


बेइंतहा अफसोस और गहरे रंजो-ग़म के साथ यह खबर दी जा रही है कि सहारनपुर की मारूफ और नफीस शख़्सियत, जनाब सुल्तान साहब वल्द मरहूम जनाब इसहाक साहब (कानपुर वाले), आज दिन मंगल, 16 सितम्बर 2025 को दिल्ली एम्स हॉस्पिटल में इलाज के दौरान इस फानी दुनिया से रुख़्सत कर गए।

मरहूम का मकान इस्लामिया डिग्री कॉलेज, सहारनपुर के पास है। नमाज़-ए-जनाज़ा आज शाम 5:15 बजे अत्ताउल्लाह मस्जिद में अदा की जाएगी और तद्फ़ीन दबनी वाला कब्रिस्तान, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश में होगी।


मरहूम की यादें और शख्सियत

सुल्तान साहब का नाम सुनते ही मोहब्बत, सादगी और इंसानियत का ख्याल दिलों में ताज़ा हो जाता है। वह एक ऐसे शख़्स थे, जिन्होंने अपनी ज़िंदगी मोहब्बत और खिदमत में गुज़ारी। बिरादरी से गहरा ताल्लुक रखना, दोस्तों-अहबाब के दुख-दर्द में शामिल होना और जरूरतमंदों की मदद करना उनकी शख्सियत की पहचान थी।

बुजुर्ग उनकी इज्ज़त करते थे, हमउम्र उनकी सलाह को अहमियत देते थे और नौजवान उन्हें रहबर मानते थे। मोहल्ले और बिरादरी के लोग कहते हैं कि “सुल्तान साहब जैसे लोग रोज़-रोज़ पैदा नहीं होते, उनका जाना हमारी बड़ी कमी है।”

उनके इंतकाल ने न सिर्फ़ सहारनपुर बल्कि दूर-दराज़ के लोगों को भी मायूस और ग़मगीन कर दिया है।

इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलैहि राजिऊन
“ऐ अल्लाह! मरहूम की मग़फिरत फरमा, उनकी कब्र को नूर से भर दे, जन्नत-उल-फ़िरदौस में आला मक़ाम अता फरमा और अहल-ए-ख़ाना को सब्र-ए-जमील अता फरमा।”


एक ज़रूरी गुज़ारिश

अक्सर ऐसा होता है कि इंतकाल की खबर अधूरी या देर से पहुँचती है, जिससे लोग जनाज़े में शरीक नहीं हो पाते। इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने-इस्लाम से गुज़ारिश करती है कि जब भी किसी के इंतकाल की खबर भेजें तो इन बातों का ख़ास ख्याल रखें:

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का पूरा नाम और उनकी वल्दियत/शौहर का नाम।
2️⃣ पूरा पता (कहां के रहने वाले थे और फिलहाल कहां रह रहे थे)।
3️⃣ दफीने का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।
4️⃣ घर के जिम्मेदार शख्स (एक-दो) के फ़ोन नंबर।
5️⃣ अगर मर्द का इंतकाल हुआ है तो मरहूम का फोटो भी शामिल करें।
6️⃣ इंतकाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)।
7️⃣ घर के बाक़ी अहल-ए-ख़ाना के नाम – भाई, बहन, माँ-बाप, औलाद आदि।

इन तमाम जानकारियों से खबर मुकम्मल होगी और बिरादरी को सही-सही जानकारी हासिल होगी।

मरहूम सुल्तान साहब के बारे में और जानकारी के लिए उनके भतीजे जनाब मोहम्मद हमज़ा साहब से इस नंबर पर संपर्क करें: 8218938915


📌 खास रिपोर्ट: अब्दुल खालिक, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश
📰 “मुल्तानी समाज” – पैदायशी इंजीनियर मुस्लिम मुल्तानी लोहार, बढ़ई बिरादरी को समर्पित देश की एकमात्र राष्ट्रीय पत्रिका
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