आज दिल ग़मगीन है और कलम बोझिल। बहुत ही दुख और अफसोस के साथ यह इत्तिला दी जा रही है कि मिस्त्री मंगता साहब वल्द मरहूम जनाब सिद्दीक साहब बिराल वाले (हाल मुक़ीम गुराना रोड, गली नं. 08, बड़ौत – ज़िला बागपत, उत्तर प्रदेश) का इंतकाल दिनांक 09 सितंबर 2025, मंगलवार को हो गया।
इंसान अपनी पूरी ज़िंदगी मेहनत, मोहब्बत और रिश्तों की परवरिश में गुज़ार देता है। मिस्त्री मंगता साहब भी उसी मिसाल का हिस्सा थे, जिनका किरदार और सीरत हमेशा लोगों के दिलों में याद रहेंगे। अल्लाह ने अपनी मर्जी से उन्हें इस फ़ानी दुनिया से बुला लिया, और अब दुआ है कि वह जन्नतुल-फिरदौस में आला मक़ाम पाएं।
मरहूम की शख्सियत अपनेपन, सादगी और खिदमत से भरपूर थी। बिरादरी के लोग उनकी मोहब्बत, खुशमिज़ाजी और इंसानियत भरे रवैये को हमेशा याद रखेंगे।
हम सब दुआगो हैं कि –
"अल्लाह तआला मरहूम की मग़फ़िरत फरमाए, उनकी कब्र को रोशन फरमाए और उनके घर वालों को सब्र-ए-जमील अता फरमाए।"
आमीन।
यह दुखभरी ख़बर मुल्तानी समाज राष्ट्रीय समाचार पत्रिका की खास रिपोर्ट के ज़रिए आप तक पहुंचाई जा रही है।
एक ज़रूरी ऐलान – इंतेकाल की खबर भेजने के लिये अहम् हिदायतें
अक्सर ऐसा होता है कि किसी अज़ीज़ के इंतकाल की खबर बिरादरी तक देर से पहुंचती है या अधूरी जानकारी होने की वजह से लोग जनाज़े तक नहीं पहुँच पाते। इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से गुज़ारिश करती है कि जब भी किसी के इंतकाल की खबर भेजें तो इन बातों का ख़ास ख्याल रखें:
1️⃣ मरहूम/मरहूमा का नाम और उनकी वल्दियत या शौहर का नाम।
2️⃣ पूरा पता (कहां के रहने वाले थे और फिलहाल कहां रह रहे थे)।
3️⃣ दफीने का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।
4️⃣ घर के जिम्मेदार शख्स (एक-दो) के फ़ोन नंबर।
5️⃣ अगर मर्द का इंतकाल हुआ है तो मरहूम का फोटो भी शामिल करें।
6️⃣ इंतकाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)।
7️⃣ घर के बाक़ी अहल-ए-ख़ाना के नाम – जैसे भाई, बहन, माँ-बाप, औलाद वगैरह।
👉 इन तमाम जानकारियों से खबर मुकम्मल होगी और बिरादरी के लोगों को सही-सही जानकारी मिलने से आसानी होगी।
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