Wednesday, July 7, 2021

अपनी ही बिरादरी को धोखा दे रही है मिर्ज़ा/मुल्तानी वेलफेयर सोसाइटी, सरकार के नियमों की खुलकर उड़ायी जा रही है धज्जियाँ

प्रेस विज्ञप्ति

मिर्ज़ा/मुलतानी वेलफेयर सोसाइटी के एक पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कुछ वर्षों पूर्व हमारी ही बिरादरी के कस्बा खतौली जिला मुजफ्फरनगर ( उत्तरप्रदेश ) के एक शख्श द्वारा सहारनपुर ( उत्तरप्रदेश ) से एक संस्था का रजिस्ट्रेशन कराया जिसका नाम मिर्ज़ा/मुलतानी वेलफेयर सोसाइटी रखा गया संस्था के दस्तावेजों में संस्था का कार्यक्षेत्र उत्तरप्रदेश रखा गया और इन्होंने यह समझ लिया कि हम तो ठहरे

इंजीनियर लोहार बिरादरी में बेवकूफ लोगों की भरमार है ही इन सबका बेवकूफ बना कर इनके चौधरी बनकर एकछत्र राज करो और पहला ही कार्यक्रम ग़ालिब ऑडोटोरियम ,नई दिल्ली में करने का ऐलान कर दिया इन्होंने सोचा कि दिल्ली में बैठकर पूरे देश की अनपढ़, बेवकूफ कौम पर रौब ग़ालिब करने का मौका मिल गया , हुआ भी बिल्कुल ऐसा ही जैसा इन्होंने सोचा बिरादरी ने इन पर आँख मूंदकर भरोसा किया और कार्यक्रम की जोर शोर से तैयारियों में जी जान से जुट गए लेकिन बिरादरी के कुछ इनके खास लोग जिन्हें मालूम था कि यह संस्था सिर्फ उत्तरप्रदेश में ही

राष्ट्रीय अधिवेशन नही सिर्फ संस्था का स्थापना दिवस मना सकती है। उन्होंने जब इनको बताया तो इन्होंने यह बात पूरी बिरादरी से छिपाकर बिना संस्था के बैनर , पोस्टर लगाए चोरी छिपे बिरादरी के लाखों रुपये ख़र्चा करा कर कार्यक्रम करा लिया इतना ही नही बिरादरी के नामचीन दिल्ली के हाजी सग़ीर हसन साहब को इन्होंने दिल्ली प्रदेश का सदर भी घोषित कर दिया इतना बड़ा कार्यक्रम और बिरादरी के डायमंड लोग बिरादरी का कार्यक्रम सोचकर इस कार्यक्रम में पहुँचे उनको देखकर किसी को कोई शक भी नही हुआ कि यह संस्था उत्तरप्रदेश की ही है क्योंकि ( बिरादरी के ऊंची पहुँच वाले लोग इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल किये गए ) और उत्तरप्रदेश के अलावा किसी भी राज्य में कोई पदाधिकारी नही बना सकती उसके बावजूद इन्होंने दिल्ली में हाजी

सग़ीर हसन साहब को दिल्ली का सदर बना दिया ऐसा ही इन्होंने वरिष्ठ नागरिक मोहम्मद आलम साहब के साथ भी किया इन्होंने आलम साहब को अपनी संस्था से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का दर्जा देकर बेवकूफ बनाया मिर्ज़ा/मुल्तानी वेलफेयर सोसायटी सिर्फ उत्तरप्रदेश में ही कार्य कर सकती है तो इन्होंने जानबूझकर बिरादरी के इन लोगों के साथ धोखा देकर, झूठ बोलकर इतना बड़ा खिलवाड़ क्यों किया जो खुद रास्ट्रीय अध्यक्ष नही लिख सकते वो दूसरों को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना रहे है। देश की राजधानी में संस्था का राष्ट्रीय अधिवेशन बिना पोस्टर, बैनर लगाकर बिरादरी को बेवकूफ बना कर बिरादरी के लाखों रुपये खर्चा करा कर दिल्ली प्रदेश का अध्यक्ष भी मनोनीत कर रहे है वो भी सिर्फ जबानी

किसी को भी लिखित कोई सदस्यता ना देना भी संस्था के पदाधिकारियों पर सवालिया निशान उठा रहा है। आखिर झूठ कब तक चलता पाप का घड़ा कभी तो फूटेगा ही वरिष्ठ नागरिक मोहम्मद आलम साहब को जब जानकारी मिली कि यह संस्था सिर्फ उत्तरप्रदेश में ही कार्य कर सकती है और इन्होंने मुझे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गैरकानूनी बना रखा है तो मोहम्मद आलम साहब ने मिर्ज़ा/मुल्तानी वेलफेयर सोसाइटी के पदाधिकारियों

को बिना कुछ कहे  बिरादरी की दूसरी राष्ट्रीय संस्था की सदस्यता ग्रहण कर ली और उनके साथ भी यह सोचकर कि बिरादरी की संस्था है समाज को बुरा न लगे जुड़े रहें। लेकिन हद तो तब हो गयी जब मिर्ज़ा/मुल्तानी वेलफेयर सोसाइटी के सदर ने ग्रुप पर सार्वजनिक मैसेज के जरिये सूचना दी कि वरिष्ठ नागरिक मोहम्मद आलम साहब को दूसरी संस्था शामिल करने पर इनको हमारी संस्था के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद से  मुक्त किया

जा रहा है। इनके इस मैसेज से बिरादरी के भोले भाले लोग तो पता नही क्या समझ रहे होगें लेकिन आप सबकी जानकारी के लिये बता दे कि एक इंसान क़ई संस्थाओं में अलग अलग पदों पर कार्य कर सकता है । समाजसेवा के लिये उनको कोई संस्था तनख्वाह नही देती खैर देखते है। मिर्ज़ा/मुल्तानी वेलफेयर सोसायटी आख़िर कब तक बिरादरी के लोगों को बेवकूफ बना कर संस्था के राष्ट्रीय अधिवेशन के नाम पर लाखों रुपये खर्च कराती रहेगी और यह बिरादरी कब तक इनके द्वारा मूर्ख बनती रहेगी ।

यदि सच लिखना बगावत है तो हाँ में बागी हूँ। 

यह खबर मिर्ज़ा/मुल्तानी वेलफेयर सोसायटी के संचालकों के कच्चे चिट्ठे खोलने जा रही है । हर खबर आप तक पहुँचाने के लिये ख़बर में लगाये गए हर आरोप के सबूत इकट्ठा कर लिये गए है ताकि किसी भी कानूनी कार्यवाही के समय काम आवे । बिरादरी को बेवकूफ बनाकर हाल ही में देवबंद में भी राष्ट्रीय अधिवेशन की तैयारियां की गई थी जिसमें बिरादरी के उत्तरप्रदेश के अलावा क़ई राज्यों से बिरादरी के लोगों को न्यौता दिया गया था। लेकिन कोविड़-19 के मद्देनजर प्रशासन द्वारा अनुमति ना दिये जाने के कारण बिरादरी के लाखों रुपये खर्च होने से बच गए ।

#मिर्ज़ा/मुल्तानी वेलफेयर सोसाइटी के पदाधिकारी द्वारा इस ख़बर से संबंधित सभी साक्ष्य प्रस्तुत किये गए जिन्हें *मुल्तानी समाज* न्यूज़ द्वारा सुरक्षित कर लिया है ताकि किसी भी तरह चैंनल, पोर्टल की छवि खराब ना की जा सके


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