वर्षों से पूरे भारत के पैदायशी इंजीनियर मुल्तानी लोहार बिरादरी अपने समाज का इतिहास खंगालने में लगी हुई है। बिरादरी के ज़िम्मेदार लोगों ने हमें जिस शहर और जिस भी बंदे के पास बताया हमने उनके क़ई क़ई
इतिहास की तलाश में इन राज्यों के क़ई शहरों में 10 साल तक जूते घिस कर हताश और निराश होकर शांति से घर बैठ गए क्योंकि जहाँ भी जाओ नई नई बाते निकलकर सामने आयी क़ई स्टेट में तो कुछ गंदी
मानसिकता वाले लोगों ने हम पर ही सवाल दागने शुरू कर दिये कि आप हो कौन ? और मुलतानी लोहार बिरादरी का इतिहास क्यों खंगालने पर तुले ही कईयों ने तो हम पर ही आरोप जड़ने शुरू कर दिए कि आप
हमारी जात के हो ही नही क़ई स्टेट के लोगों को तो यह भी नही मालूम कि दिल्ली, उत्तरप्रदेश और हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड में हमारी बिरादरी है भी कि नही और इन सब स्टेट वालों को यही नही मालूम कि
, राजस्थान, गुज़रात व मध्यप्रदेश में भी हमारी बिरादरी भारी तादाद में है। ऐसा इसलिये कि आजादी के बाद से अब तक हमारी बिरादरी की कोई ऎसी तंजीम नही बनी जो पूरे देश की बिरादरी को एक प्लेटफॉर्म
पर इकट्ठा कर सके । अल्लाह ने यह काम " मुलतानी समाज चैरिटेबल ट्रस्ट के जरिये कराना था हम तो ऐसा ही समझेंगे । ट्रस्ट ने पूरे भारत के सभी राज्यों में बिरादरी के लोगों को ढूंढने का काम युद्ध स्तर पर किया
लोग जुड़ते गए और कारवाँ बनता गया इस काम में राजस्थान के भीलवाड़ा से ज़नाब हाजी मोहम्मद इक़बाल काज़ी साहब, मध्यप्रदेश से जनाब अब्दुल सत्तार साहब , पंजाब से मोहम्मद अंसार साहब, हरियाणा
से जनाब महबूब साहब, उत्तराखंड से जनाब इरफान साहब, उत्तरप्रदेश से ज़नाब अलीहसन मुलतानी साहब, दिल्ली से जनाब हाजी सग़ीर हसन, अज़मेर से अब्दुल क़ादिर मुल्तानी, नीमच से शाहरुख़ मुलतानी साहब
ने मिलकर संगठन को पूरी मजबूती के साथ खड़ा किया जिसका जीता जागता सबूत आप सबके सामने है। संस्था ने पूरे देश में बिरादरी को
साल में दो इवेंट ( त्यौहारों की सौगात भी दी ) 12 नवंबर *मुल्तानी-डे* और 17 जून *मुल्तानी स्थापना दिवस* जिनको बिरादरी ने बड़े ही जोश और धूमधाम से मनाया ।
संस्था ने क्या किया
देश भर में पहले लॉकडाउन में 10वीं और 12वीं के 1500/ छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति-पत्र सभी सोशल मीडिया और हार्ड कॉपी उनके पते पर डाक के जरिये भेजी गयी। देशभर में कोरोना महामारी के समय ख़िदमत में लगें लगभग 4500/- लोगों को कोरोना योद्धा सम्मान से नवाज़ा गया। संस्था की और से तीन बिरादरी की शख्सियतों को *मुलतानी गौरव-सम्मान* से नवाजा गया ।
संस्था द्वारा हासिल की गई उपलब्धियां
मुलतानी समाज चैरिटेबल ट्रस्ट का पंजीकरण कराने के बाद आपकी यह संस्था आज तक की बिरादरी की सबसे पहली ISO प्रमाणित संस्था है जो अपने आप ही नही हुई करानी पड़ती है। ट्रस्ट ने भारत सरकार से *मुलतानी समाज* के नाम से त्रिमासिक पत्रिका का पंजीकरण कराया, नीति आयोग , MSME , सहित भारत सरकार के 29 मंत्रालयों में संस्था का पंजीकरण कराने के बाद डिजिटल जमाने में संस्था को वेबसाइट, न्यूज़ पोर्टल से लेकर सभी भारत की हर छोटी बड़ी सोशल साइट्स से जोड़कर संस्था का आधुनिकीकरण कराया, हाल ही में भारत सरकार द्वारा हर संस्था के लिये जरूरी किये गए CSR- 01, में पंजीकरण कराया व 12A और 80G रजिस्ट्रेशन का कार्य प्रगति पर है।
अधिकारी* और *मीडिया प्रभारियों* की डयूटी लगानी शुरू कर दी है। ट्रस्ट बिरादरी के हर उस शख्स से मिलेगी जिनके यहाँ शादी होगी उनसे शादी घर के आसपास जनगणना स्टॉल लगाने कि इजाजत लेकर जनगणना के कार्यो में तेजी लाई जाएगी संस्था इस काम के लिये
एम्बुलेंस टाइप एक गाड़ी भी बनाने पर विचार कर रही है जो हर शहर, गली व मोहल्लों में जाकर जनगणना के कार्य को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके । आज आपको संस्था के खास खास उपलब्धियो की जानकारियां दी गई यह सब आपके सहयोग , दुआओ और मेहनत का
असर है जो हम यहां तक पहुँचे संस्था को और मजबूत बनाने के लिये इस खबर को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि सबकों इसका लाभ पहुँचे।
आज के इस मैसेज से उन सबको समझ आया गया होगा ( जो संस्था बड़ी और छोटी कैसी होती है जैसे सवाल करते रहते है ) हम पैदायशी
इंजीनियर लोहार बिरादरी की देश की सबसे बड़ी और क्रांतिकारी संस्था क्यों लिखते है।
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