Thursday, July 17, 2025

रुड़की शोक में डूबा: तौसीफ़ मिर्जा अब हमारे बीच नहीं रहे!!

सन्नाटा, सिसकियाँ और दुआएँ… एक और चिराग बुझ गया...

आज का दिन "मुल्तानी समाज" और पूरे रुड़की शहर के लिए निहायत ही अफ़सोस, ग़म और रंज का दिन है।

हम सबको ये बेहद दुःखद समाचार साझा करना पड़ रहा है कि आज दिन जुमा, तारीख़ 18 जुलाई 2025 को मोहल्ला आज़ाद नगर, कस्बा रुड़की, ज़िला हरिद्वार (उत्तराखंड) निवासी मरहूम जनाब ग़नी मिर्जा साहब के साहबजादे जनाब तौसीफ़ मिर्जा साहब का आज सुबह इंतेक़ाल हो गया।

इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलैहि राजिउन।


शहर में शोक की लहर

तौसीफ़ मिर्जा एक बेहद मिलनसार, शरीफ और नेकदिल इंसान थे। उनके इंतक़ाल की ख़बर जैसे ही फैली, पूरा मोहल्ला ग़मज़दा हो गया। हर आंख नम और हर दिल बोझिल हो गया। लोगों की जुबान पर सिर्फ़ यही था – "क्या यक़ीन किया जाए? अभी तो कल ही देखा था मुस्कुराते हुए!"


नमाज़-ए-जनाज़ा और आख़िरी विदाई

मरहूम की नमाज़-ए-जनाज़ा आज असर की नमाज़ के बाद अदा की जाएगी, इंशा’अल्लाह। हर जानने वाले, रिश्तेदार, अज़ीज़, अहेब्बा और बिरादराने इस्लाम से गुज़ारिश है कि जनाज़े में शिरकत फरमाकर मरहूम की मग़फ़िरत के लिए दुआ करें।


एक दुखदायी ख़ामोशी...

तौसीफ़ मिर्जा की शख़्सियत में नर्मी, तहज़ीब और अदब की खूबसूरती थी। उन्होंने हमेशा बड़ों का एहतराम और छोटों से मुहब्बत का सलीक़ा अपनाया। ऐसे लोग जब दुनिया से जाते हैं, तो सिर्फ़ एक इंसान नहीं जाता – एक युग, एक एहसास और एक दुआ करने वाली ज़बान चली जाती है।


मुल्तानी समाज का ग़मगीन पैग़ाम

“मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका, रुड़की की जानिब से हम मरहूम तौसीफ़ मिर्जा साहब के तमाम अहल-ए-खानदान से दिली हमदर्दी और ताज़ियत का इज़हार करते हैं।

हम दुआ करते हैं कि अल्लाह तआला मरहूम की मग़फ़िरत फरमाए, उन्हें जन्नतुल फिरदौस में आला से आला मुक़ाम अता करे और उनके पीछे रह गए तमाम घरवालों को सब्र-ए-जमील अता फरमाए।

आमीन सुम्मा आमीन।


📌 रिपोर्टर: मोहम्मद मुद्दसिर
📍स्थान: “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका, रुड़की, उत्तराखंड
📧 ईमेल: multanisamaj@gmail.com
🌐 www.multanisamaj.com | www.msctindia.com
📱 #multanisamaj



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